Coronavirus Prayagraj News : महामारी हौवा नहीं, इससे बचने की जरूरत, आप भी जानें बेली अस्पताल के सीएमएस की यह टिप्स
Coronavirus Prayagraj News बेली अस्पताल के सीएमएए डॉ. ओपी त्रिपाठी ने कहा कि अभी भी कुछ लोग कोरोना वायरस से बचाव के प्रति गंभीर नहीं हो रहे हैं। कोरोना महामारी है लोगों को गिरफ्त में ले रहा है ऐसे में इससे बचने के उपाय के बारे में सोचना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस को हौवा नहीं समझना चाहिए। क्योंकि हौवा समझकर आप परेशान हो जाएंगे। इस पर नियंत्रण संभव है, इसके लिए कुछ आवश्यक बातों और गाइडलाइन को समझना और उस पर अमल करने की जरूरत है। जी हां, यह हम नहीं बल्कि प्रयागराज स्थित तेजबहादुर सप्रू कोविड अस्पताल (बेली) के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व सीनियर फिजीशियन डॉ. ओपी त्रिपाठी कहते हैं। उन्होंने इस संबंध में लोगों को टिप्स दिए। इसे आप भी जानें और अमल में लाकर इस महामारी को दूर भगाएं।
बोले, अभी भी कुछ लोग कोरोना वायरस से बचाव के प्रति गंभीर नहीं हैं
डॉ. ओपी त्रिपाठी दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ लोग कोरोना वायरस से बचाव के प्रति गंभीर नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी है। यह हर किसी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है, ऐसे में इससे बचने के उपाय के बारे में सोचना चाहिए। मास्क का प्रयोग करने से परहेज न करें, ऐसी जगहों पर मास्क अवश्य लगाएं जहां संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।
प्रस्तुत है डॉ. ओपी त्रिपाठी से सवाल और जवाब
सवाल: जब हम माॄनग वॉक पर निकलते हैं तो क्या उस समय भी मास्क लगाना अनिवार्य है?
- सुधीर गुप्ता, बलुआघाट
जवाब : जब भी बाहर भीड़ वाले स्थान पर जाते हैं तो मास्क लगाना अनिवार्य है। यदि माॄनग वॉक कर रहे तो बिल्कुल हल्का मास्क लगाएं ताकि सांस लेने में किसी तरह की परेशानी न हो। पैदल टहलने पर हमारे शरीर को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत होती है।
सवाल : 17 दिन पहले हम कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। तीन अक्टूबर को जांच कराया तो रिपोर्ट निगेटिव रही। क्या अब भी हमें मास्क लगाने की जरूरत है?
- एसआर शुक्ल, सलोरी
जवाब : मास्क तो हमे हमेशा लगाना होगा। पाजिटिव से निगेटिव हो चुके हैं तब भी कम से कम 90 दिन तक मास्क का इस्तेमाल करें। खान-पान पर विशेष ध्यान दें और मौसमी फल का भी सेवन करें।
सवाल : ऐसा बताया जाता है कि कोरोना का असर बच्चों व वृद्धों पर ज्यादा होता है, ऐसा क्यों?
- नरेंद्र कुशवाहा, जारी बाजार
जवाब : वृद्ध व बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। वह किसी संक्रमण से लडऩे में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे में इन लोगों की देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है।
सवाल : तीन अक्टूबर को मेरे शरीर में दर्द होने लगा। पांच तारीख को जांच कराई तो कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। अब हमें होम आइसोलेशन में रहना ठीक होगा या अस्पताल में?
- श्याम, बेली कालोनी
जवाब : यदि आपको अभी कोई दिक्कत न हो तो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। वह भी होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का पालन करते हुए। आक्सीजन लेवल व बुखार आदि की जांच करते रहें। यदि तकलीफ होती है तो कोविड अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
सवाल : डॉक्टर साहब, यह कोरोना महामारी अभी कब तक खत्म होगी?
- नरेश चंद्र निषाद, झूंसी
जवाब : जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक कुछ कहना उचित नहीं होगा। पिछले माह की अपेक्षा कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है। खुद का बचाव करें।
सवाल : ज्यादातर लोग कोरोना से बचाव के लिए काढ़े का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या ज्यादा काढ़ा भी नुकसानदायक हो सकता है?
- उदयराज सिंह, सोहनी हनुमानगंज
जवाब : 24 घंटे में कम से कम दो बार काढ़े का सेवन किया जा सकता है। जरूरत से ज्यादा होने पर वह शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
सवाल : डॉक्टर साहब, क्या साधारण बुखार के लक्षण मिलने पर कोरोना की जांच आवश्यक है?
- रोहिणी प्रताप सिंह, कोरांव
जवाब : आइसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक, यदि बुखार, खांसी या सांस संबंधी परेशानी है तो कोरोना की जांच करानी चाहिए। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है तो आप तत्काल होम आइसोलेशन में हो जाते हैं या अस्पताल में भर्ती होते हैं। इससे हमारे परिवार में संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाता है।
सवाल : सर, क्या कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसके शरीर से वायरस निकलने का खतरा होता है?
- अनिल श्रीवास्तव, करैलाबाग
जवाब : मौत के बाद शरीर में सांस थम जाती है, ऐसे में उस शरीर से वायरस निकलने का खतरा कम हो जाता है। कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शरीर को सैनिटाइज किया जाता है और शव को बैग में पैक कर दिया जाता है, इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कराया जाता है।
सवाल : आइवरमेक्टिन दवा कितनी कारगर है? और यह कब-कब लेनी है?
- जितेंद्र सिंह, फाफामऊ
जवाब : कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने में आइवरमेक्टिन अहम भूमिका निभा रहा है। इसे तीन बार में खाना है। पहले दिन, सातवें दिन व 30वें दिन।
सवाल : मैं, मेरे पति और बेटी 20 दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। अभी भी कमजोरी महसूस होती है। ऐसा क्यों?
- भावना, चकिया
जवाब : एक-दो माह में कमजोरी खत्म हो जाएगी। इस समय खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यदि डायबिटिक हैं तो उसे कंट्रोल में रखें।
सवाल : अपनी और पत्नी की एंटीबॉडी टेस्ट निजी लैब से करायी थी। पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है? क्या उन्हेंं कोरोना संक्रमण हो चुका है?
- रामअवतार, म्योराबाद
जवाब : शरीर में एंटीबॉडी बन गई है इसका मतलब यह है कि कहीं न कहीं संक्रमण हो चुका है और ठीक भी हो गया। इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।
सवाल : डॉक्टर साहब, मेरी उम्र 74 साल है। जब से कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ तब से बच्चे घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं? क्या अब बाहर निकल सकते हैं?
- पीके श्रीवास्तव, दरियाबाद
जवाब : अब कोरोना नियंत्रण में आ रहा है। मास्क लगाकर और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर निकल सकते हैं। प्रयास करें कि भीड़ में जाने से परहेज करें।
जांच न कराना खतरनाक
डॉ. ओपी त्रिपाठी ने कहा कि ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं जिनमें बुखार, खांसी या सांस संबंधी परेशानी है फिर भी वह जांच नहीं कराना चाहते हैं। यह गलत है। इन लक्षणों के बाद भी यदि कोरोना की जांच नहीं कराते हैं तो यह खुद के साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खतरनाक हो सकता है। समय रहते यदि इलाज शुरू हो जाता है तो मरीज के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हो सकती है।
अभी बेली में सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज
डॉ. ओपी त्रिपाठी ने बताया कि बेली अस्पताल को लेवल टू का कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसलिए यहां सिर्फ कोरोना मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है और इलाज हो रहा है। इस अस्पताल में अभी नॉन कोविड मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। आगे जिस तरह के आदेश मिलते हैं तो उसी के हिसाब से व्यवस्थाएं चलेंगी।