Corona Fighters: प्रयागराज के व्यवसायी अशोक मित्तल ने कभी गुनगुना के-कभी मुस्कुरा के, दम लिया कोरोना को भगा के
अशोक मित्तल उद्यमी हैं और वह चार अप्रैल को कोरोना पाजिटिव हो गए थे। डा. कुंजन यादव के नेतृत्व में उन्होंने अपना इलाज शुरू किया। होम क्वारंटाइन रहते हुए घर में सबसे अलग-थलग रहे। ईश्वर पर विश्वास रखते हुए समय से दवाइयां लीं।
प्रयागराज, जेएनएन। कौन कहता है कि कोरोना को हराना मुश्किल है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने संगीत सुनकर, किताबों को पढ़कर कोरोना को हरा दिया। भाप लेते रहे, गर्म पानी पीते रहे कोरोना को सामने देखकर भी मुस्कुराते रहे। उनके जज्बे के आगे कोरोना को भागना पड़ा। अब वे पूरी तरह स्वस्थ होकर दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं। कह रहे हैं कि जैसे हमने कोरोना को हराया, वैसे आप भी हरा सकते हैं।
किताबों का अध्ययन व संगीत सुनकर जीती लड़ाई
कोरोना संक्रमण से लडऩे के लिए संयम, नियम के साथ मजबूत और दृढ़ इच्छा शक्ति की बहुत जरूरत है। लेकिन, कोरोना संक्रमित होने पर होम आइसोलेशन के एकांतवास में समय बिताने के लिए भी कुछ जतन करना बहुत आवश्यक है। लूकरगंज के रहने वाले एक उद्यमी ने नियम, संयम और डॉक्टर की सलाह पर सख्ती से अमल करते हुए किताबों का अध्ययन कर एवं संगीत सुनकर कोरोना को भगाया। अशोक मित्तल उद्यमी हैं और वह चार अप्रैल को कोरोना पाजिटिव हो गए थे। डा. कुंजन यादव के नेतृत्व में उन्होंने अपना इलाज शुरू किया। होम क्वारंटाइन रहते हुए घर में सबसे अलग-थलग रहे। ईश्वर पर विश्वास रखते हुए समय से दवाइयां लीं। गर्म पानी, आयुर्वेदिक नुस्खे, काढ़ा, भाप, गिलोय आदि का 14 दिनों तक इस्तेमाल किया। दोनों समय योग किया। घर वाले सभी चीजें समय पर उपलब्ध कराते रहे। डॉक्टर के बताए समय से तनिक भी इधर-उधर कोई चीज नहीं होने पाती थी। किताबें पढ़कर और संगीत सुनकर समय काटते थे। 17 को जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके बाद से पूरी तरह से नियमित दिनचर्या में रहते हुए स्वास्थ्य लाभ ले रहा हूं।
गुनगुने पानी और भाप के साथ लड़ी जंग
नौ अप्रैल को अचानक मुझे महसूस हुआ कि सूंघने की क्षमता खत्म हो गई है। अगले दिन रेलवे के केंद्रीय चिकित्सालय पहुंचा और जांच कराई। रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के परामर्श के बाद मैं होम आइसोलेट हो गया है। टेलीविजन पर योगा देखने के साथ अभ्यास भी शुरू किया। यह कहानी है कि प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ में पद पर तैनात मनोज कुमार की। नैनी स्थित रेलवे कॉलोनी में रहने वाले मनोज मूलरूप से मीरजापुर के रहने वाले हैं। बताया कि 12 अप्रैल को उनकी पत्नी गीता, 13 वर्षीय बेटी सृष्टि व सात साल की बेटी आस्था को खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत हुई। उनकी की भी जांच कराई तो सभी पॉजिटिव निकले। इसकी जानकारी होने पर मीरजापुर में रह रहे माता-पिता भी बेचैन हो गए। उन्होंने हिम्मत से काम लिया। सभी लोग गुनगुना पानी, भाप व काढ़ा का सेवन करते थे। मनोज कहते हैं कि शुरुआत के सात दिन कष्टकारी थे। इसके बाद धीरे-धीरे आराम मिलने लगा। 24 अप्रैल को दोबारा पूरे परिवार के साथ जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आई।