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Corona Fighters: प्रयागराज में 30 लोगों के संयुक्‍त परिवार में 26 लोग हुए संक्रमित, शंखनाद करते रहे और हार गया

Corona Fighters परिवार के ही सदस्य रवींद्र मिश्र बताते हैं कि वह स्वयं भाई रघुराज किशोर मिश्र डॉ. मुनीर किशोर मिश्र कंदर्प किशोर मिश्र व बच्चों सहित कुल 26 लोग संक्रमित हुए थे। वे सभी घर में आइसोलेट रहे। यहां तक कि एक दूसरे से वीडियो कॉल पर बात करते।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)
Corona Fighters: प्रयागराज में 30 लोगों के संयुक्‍त परिवार में 26 लोग हुए संक्रमित, शंखनाद करते रहे और हार गया
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष 87 साल के राघवेंद्र प्रसाद मिश्र के परिवार के 26 लोगों के साथ संक्रमण को हराया।

प्रयागराज,जेएनएन। 30 लोगों का संयुक्त परिवार। एक एक कर 26 लोग कोरोना संक्रमण की जद में आए। पर सुखद पहलू यह कि सब के सब स्वस्थ हो गए। वह भी बिना अस्पताल गए। इसमें बच्चों के साथ 87 वर्ष के बुजुर्ग, मधुमेह और बीपी के मरीज भी शामिल थे। ऐसा इसलिए हो सकता कि उनमें आत्मबल, सकारात्मक सोंच और व्यवस्थित दिनचर्या थी। सभी ने नियमित इलाज के साथ प्रत्येक चीज का बेहतर प्रबंधन किया। फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए शंखनाद भी खूब किया। नतीजा यह कि कोरोना हार गया। हम बात कर रहे हैं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मलाकराज निवासी राघवेंद्र प्रसाद मिश्र के कुनबे की।

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87 वर्षीय राघवेंद्र प्रसाद मिश्र ने भी संक्रमण को दी मात

11 अप्रैल को 87 वर्षीय राघवेंद्र प्रसाद मिश्र की तबीयत अचानक बिगड़ी। जांच मेंं कोरोना पॉजिटिव पाए गए। परिवार के कुछ अन्य लोगों में भी लक्षण दिखे। तुरंत सब सचेत हो गए। फोन पर ही डॉक्टर की सलाह ली और सभी आइसोलेट हो गए। आयुर्वेदिक, एलोपैथिक दवाओं, योग और फेफड़ों को मजबूत करने वाले आसन भी किए जाने लगे। खासकर शंख को भी कोरोना की लड़ाई में किसी हथियार की तरह प्रयोग किया गया। बच्चे और बड़े सभी अधिक से अधिक शंख बजाते जिससे फेफड़ों को मजबूती मिली। ऑक्सीजन स्तर गिरने पर भी नियंत्रित किया जा सका। परिवार के ही सदस्य रवींद्र मिश्र बताते हैं कि वह स्वयं, भाई रघुराज किशोर मिश्र, डॉ. मुनीर किशोर मिश्र, कंदर्प किशोर मिश्र व बच्चों सहित कुल 26 लोग संक्रमित हुए थे। वे सभी अपने 32 कमरों के घर में आइसोलेट रहे। यहां तक कि एक दूसरे से वीडियो कॉल पर ही बात करते। कोई किसी के पास नहीं जाता। जरूरत की चीजें बहुत सावधानी से एक दूसरे तक पहुंचाई जाती। परिवार के कुछ सदस्यों का आक्सीजन स्तर भी गिरा पर घर पर ही सिलिंडर की व्यवस्था कर उपचार का क्रम जारी रखा गया। हर किसी को यह विश्वास था कि वह ठीक हो जाएगा। आवश्यकता के अनुसार परिवार के ही सदस्य डॉ. ऋषभ शुक्ल व डॉ. मुनेंद्र किशोर मिश्र से जरूरी सुझाव भी लेते रहे।

डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने फोन पर जाना हाल, बढ़ाया उत्साह

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र ने बताया कि जब पूरे परिवार के संक्रमित होने की खबर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी तक पहुंची तो उन्होंने फोन कर हाल जाना। कहा कि आप तो सिर्फ एक समय भोजन करने वाले और संयमित दिनचर्या वाले हैं कोरोना को जरूर हरा देंगे। ऐसा ही हुआ। हम सब यम नियम का पालन करते रहे और स्वस्थ हो गए।


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