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Corona Curfew Effect on Business: प्रयागराज में होटल और रेस्टोरेंट का धंधा चौपट, नुकसान झेल रहे कारोबारी

Corona Curfew Effect on Business रेस्टोरेंट के मालिक विकास सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने के डर के कारण लोग घरों में ही खाना-पीना पसंद कर रहे हैं। रेस्टोरेंटों में लोग बहुत कम ही लोग आ रहे हैं। हालांकि कोविड-19 नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:32 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 05:01 PM (IST)
Corona Curfew Effect on Business: प्रयागराज में होटल और रेस्टोरेंट का धंधा चौपट, नुकसान झेल रहे कारोबारी
कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में कोरोना कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू को बढ़ाए जाने में होटल व रेस्‍टोरेंट व्‍यवसाय प्रभावित है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 की दूसरी लहर से होटल और रेस्टोरेंट का धंधा भी बिल्कुल चौपट कर दिया है। कोरोना कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू को बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में सहालग की तिथियां ज्यादातर लोगों द्वारा बढ़ा दिए जाने से होटलों और रेस्टोरेंटों की बुकिंग निरस्त कर दी गई। इससे होटल व रेस्टोरेंट संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सामान्य दिनों में भी 10 फीसद लोग भी होटल एवं रेस्टोरेंट में खान-पान के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि संचालकों को बिजली का बिल, बैंकों के लोन के ईएमआई, स्टॉफ का वेतन आदि सभी खर्च देने पड़ रहे हैं।

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होटल व रेस्‍टोरेंट का कारोबार 10 फीसद भी नहीं

रेस्टोरेंट के मालिक विकास सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने के डर के कारण लोग घरों में ही खाना-पीना पसंद कर रहे हैं। रेस्टोरेंटों में लोग बहुत कम ही लोग आ रहे हैं। हालांकि, कोविड-19 नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। सीटें भी फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिहाज से लगाई गई हैं, लेकिन ग्राहकों के न आने से कारोबार 10 फीसद भी नहीं रह गया है। सहालग और बर्थडे पार्टियां भी ठप हैं।

होटल का खर्च पूर्ववत लेकिन आय नहीं हाे रही

एक होटल के प्रबंधक राजवीर सिंह का कहना है कि इधर पांच दिनों से लॉकडाउन है। उसके पहले भी बाहर से लोगों का आना-जाना बहुत कम हो गया था। शहर के लोग होटल और रेस्टोरेंट में खाने-पीने से एकदम परहेज कर रहे हैं। शादियां भी जो थीं, वह टलती जा रही हैं, जिससे बुकिंग भी निरस्त होती जा रही हैं। ऐसे में होटलों का संचालन बहुत मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, होटल के खर्चे पूर्ववत हैं। देनदारियों को अदा करना ही है। 


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