23 साल बाद गूंजेगा जयतु जय जय विश्वविद्यालय इलाहाबाद Prayagraj News
दरअसल इविवि के 100 वर्ष पूरे होने पर 23 सितंबर 1987 को सात दिवसीय सप्तरंगी सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था। यह कार्यक्रम लगातार सात दिन तक चला था।
प्रयागराज, जेएनएन : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) गुरुवार को 23 वर्ष फिर से जयतु जय जय विश्वविद्यालय इलाहाबाद... की गूंज सुनाई देगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का यह कुलगीत गुरुवार को सीनेट हॉल में आयोजित दीक्षा समारोह में संगीत विभाग के प्रोफेसर साहित्य कुमार नायक अपने शिष्यों के साथ प्रस्तुत करेंगे। यह कुलगीत पहली बार इविवि के शताब्दी समारोह में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र कुमार मिश्र और संस्कृत विभाग के प्रोफेसर रामाश्रय झा ने खुद लिखकर प्रस्तुत किया था।
दरअसल, इविवि के 100 वर्ष पूरे होने पर 23 सितंबर 1987 को सात दिवसीय सप्तरंगी सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था। यह कार्यक्रम लगातार सात दिन तक चला था। दिन में यह आयोजन सीनेट हॉल में और रात में हॉल के सामने स्थित बरगद के पेड़ के पास ग्राउंड में होता था। रात में सात रंगों के प्रतीक में बने इंद्रधनुष से आयोजन की छटा और बढ़ जाती थी। सात दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल मो. उस्मान आरिफ ने किया था। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन नए अतिथि पहुंचते थे। इसके अलावा आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें शहर के सभी बुद्धिजीवी पहुंचते थे। समारोह में एपीजे अब्दुल कलाम और टीएन शेषन को मानद उपाधि दी गई थी। समारोह में मुलायम सिंह यादव भी शामिल हुए थे, तब इविवि राज्य सरकार के अधीन था। एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति और टीएन शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त भी रहे।