इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची को लेकर छिड़ी रार Prayagraj News
शिक्षकों ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर यह भी कहा कि अन्य विवि की तरह यहां भी वरिष्ठता सूची सार्वजनिक की जाए जिससे पारदर्शी ढंग से वरिष्ठता के क्रम में कोई जिम्मेदारी दी जा सके।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में अब शिक्षकों की वरिष्ठता सूची को लेकर रार छिड़ गई है। कई विभागों के शिक्षकों ने रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल को पत्र लिखकर वरिष्ठता सूची उपलब्ध कराने की मांग की है। एक दिन के लिए कुलपति बने प्रोफेसर पीके साहू ने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए शीघ्र वरिष्ठता सूची इविवि की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। हालांकि, उनका कार्यकाल खत्म होते ही निर्देश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
आनन फानन में बनाई वरिष्ठता सूची
पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद प्रो. केएस मिश्र को कार्यवाहक कुलपति का जिम्मा सौंपा गया था। वह 14 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने पत्र जारी कर निर्देश दिया कि वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर जो भी शिक्षक हो उसे कार्यवाहक कुलपति का दायित्व सौंपा दिया जाए। लेकिन इविवि में वरिष्ठता सूची तैयार न होने के चलते पेच फंस गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आनन-फानन में वरिष्ठता सूची तैयार कर मंत्रालय को भेजा। इसमें क्रमवार प्रो. पीके साहू, प्रो. एसए अंसारी, प्रो. आरआर तिवारी, प्रो. रंजना बाजपेई, प्रो. आरके सिंह और प्रो. जीसी त्रिपाठी का नाम भेजा गया। इसके बाद प्रो. साहू को एक दिन के लिए दायित्व सौंपा गया फिर प्रो. तिवारी को दायित्व सौंप दिया गया। इसके बाद से इविवि में वरिष्ठता सूची को लेकर रार छिड़ गई।
वरिष्ठता सूची के लिए शिक्षकों ने रजिस्ट्रार को लिखा पत्र
सूत्रों की मानें तो अब तक कई विभागों के शिक्षक खुद को वरिष्ठ बताते हुए सूची उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। एक शिक्षक ने तीन बार पत्र लिखा। ऐसे में अब सूची को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इन शिक्षकों ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर यह भी कहा कि अन्य विवि की तरह यहां भी वरिष्ठता सूची सार्वजनिक की जाए, जिससे पारदर्शी ढंग से वरिष्ठता के क्रम में कोई जिम्मेदारी दी जा सके। इस संदर्भ में रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।