प्रयागराज में गंगा नदी पर शुरू हुआ टू लेन रेल ब्रिज का निर्माण
अब तक प्रयागराज से वाराणसी के लिए रेलवे की सिंगल लाइन है। इसे अब डबल किया जा रहा है। निर्माण की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को दी गई है। आरवीएनएल ने वाराणसी से माधोसिंह स्टेशन तक डबल लाइन बना दी है।
प्रयागराज, जेएनएन। शास्त्री ब्रिज और रेलवे ब्रिज के बीच में गंगा पर एक और रेलवे ब्रिज का निर्माण शुक्रवार से शुरू हो गया। निर्माण एजेंसियों ने भूमि पूजन करके कार्यस्थल पर सामान गिराना शुरू कर दिया है। पुल निर्माण की शुरुआत झूंसी की तरफ से हुई है। इस पुल के बनने से वाराणसी के लिए रेल आवागमन आसान हो जाएगा।
निर्माण की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड को दी गई है
अब तक प्रयागराज से वाराणसी के लिए रेलवे की सिंगल लाइन है। इसे अब डबल किया जा रहा है। निर्माण की जिम्मेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को दी गई है। आरवीएनएल ने वाराणसी से माधोसिंह स्टेशन तक डबल लाइन बना दी है। माधोसिंह से हंडिया स्टेशन तक काम चल रहा है। वही लाइन प्रयागराज तक आएगी। रास्ते में झूंसी और दारागंज स्टेशन के बीच में गंगा पर टू लेन रेल ब्रिज बनना था। इसके लिए जांच प्रक्रिया पूरी हो गई है और साल 2021 के पहले दिन से झूंसी की तरफ से पिलर के लिए भूमि पूजन के साथ नींव खोदाई का काम शुरू हो गया है। झूंसी की तरफ से बनने वाले पहले पुल की नींव 40 मीटर गहरी होगी। आरवीएनएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीके अग्रवाल ने बताया कि साल के पहले दिन से पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू करा दी है। रेलवे ब्रिज निर्माण के लिए दो कंपनियों को ठेका दिया गया है। यह करीब तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
सेना को दी जमीन के बदले जमीन
इस ब्रिज में दारागंज स्टेशन की तरफ सेना की जमीन पड़ रही थी। रेलवे ने सेना से वह जमीन मांगी। सेना के अफसरों ने जमीन के बदले जमीन की मांग की। रेलवे ने परेड मैदान के पास की जमीन सेना को देने के लिए दिखाया लेकिन वह नहीं माने। बाद में झूंसी स्टेशन के आगे रेलवे की खाली पड़ी 80 बीघा जमीन सेना को दी गई। उसके बाद सेना ने पुल के लिए एनओसी दी।
आकड़ों में
- 450 करोड़ रुपये में होगा निर्माण
- 1700 मीटर लंबा बनेगा गंगा पर रेल ब्रिज
- 03 साल में बनकर होगा तैयार
- 25 पिलर बनाए जाएंगे ब्रिज में
- 45 पिलर हैं नजदीक बने वाराणसी रेलवे ब्रिज में