प्रतापगढ़ में पांच साल से लटका है बाईपास का निर्माण कार्य
जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या बीच शहर से होकर गुजरा है। इससे दिन भर शहर में जाम लगता रहता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए पिछले दो दशक से जनपदवासी जनप्रतिनिधियों से बाईपास की मांग करते आ रहे हैं।
प्रतापगढ़,जेएनएन। जिले का बहु प्रतीक्षित बाईपास अफसरशाही की भेंट चढ़ गया है। यहां अफसर कितने मनमाने हैं कि बजट उपलब्ध होने के बाद भी किसानों में मुआवजा नहीं बांटे। यही वजह है कि बाईपास का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है।
लंबे समय से जन प्रतिनिधि कर रहे हैं मांग
जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या बीच शहर से होकर गुजरा है। इससे दिन भर शहर में जाम लगता रहता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए पिछले दो दशक से जनपदवासी जनप्रतिनिधियों से बाईपास की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए तत्कालीन सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह ने अपने आखिरी कार्यकाल में प्रयास किया था। इसके लिए सरायसागर गांव के पास से लेकर गोड़े गांव तक सर्वे कराया गया था। बाद में वर्ष हरिवंश सांसद निर्वाचित हुए तो उन्होंने बाईपास की दिशा ही बदलवा दी और गोड़े से पूरे केशवराय होते हुए सुखपालनगर तक इसे स्वीकृत कराया।
योजना की तरफ से नहीं दिया ध्यान
बाईपास 17 गांवों से होकर गुजरा है। 12 गांवों के किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार ने 58 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिया, लेकिन अफसरों की लापरवाही से बजट उपलब्ध होने के बाद भी पांच करोड़ रुपये किसानों में नहीं वितरित किया गया। इसकी वजह रही कि हर साल सीआरओ को तबादला होता गया और डीएम ने इस योजना की ओर ध्यान नहीं दिया।
सांसद ने 15 नवंबर तक किसानों को मुआवजा वितरित करने का दिया निर्देश
अब सांसद संगमलाल गुप्ता का इस ओर ध्यान गया है। उन्होंने सीआरओ को 15 नवंबर तक किसानों को मुआवजा वितरित करके जमीन नेशनल हाईवे के सुपुर्द करने का निर्देश दिया है। अब देखना यह है कि 15 नवंबर तक सभी किसानों में मुआवजे का वितरण हो पाता है या नहीं। इस बारे में एनएच सुल्तानपुर के सहायक अभियंता एके मिश्रा ने बताया कि करीब 14 किमी लंबे बाईपास का निर्माण कार्य किसानों में मुआवजा बंटने के बाद शुरू हो जाएगा। इस बाईपास पर दो रेलवे क्राङ्क्षसग पर ओवरब्रिज बनेगा। ट्रामा सेंटर के पास भी गायघाट रोड पर ओवरब्रिज बनेगा। नीचे सर्विस लेन सड़क बनेगी।