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कांग्रेसजनों ने नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर किया विरोध प्रदर्शन

नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर कांग्रेसजनों ने प्रतापगढ़ में विरोध-प्रदर्शन किया। वक्‍ताओं ने इसे मोदी सरकार की विफलता बताया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 07:35 PM (IST)
कांग्रेसजनों ने नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर किया विरोध प्रदर्शन
कांग्रेसजनों ने नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर किया विरोध प्रदर्शन

प्रयागराज : कांग्रेसजनों ने नोटबंदी को लेकर प्रतापगढ़ में धरना-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर जिला कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी के नेताओं ने इसे मोदी सरकार की बड़ी विफलता बताया।

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  इस दौरान जिलाध्यक्ष नरसिंह प्रकाश मिश्र ने कहा कि नोटबंदी से आम आदमी को परेशानी हुई है। नई नोट सरकार छपवा नहीं पाई। सौ से अधिक लोग बैंकों में लाइन लगाए हुए जान गवां बैठे। उद्योग धंधे ठप पड़ गए और विकास रुक गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी बृजेंद्र मिश्र ने कहा कि ने कहा कि नोटबंदी से देश आर्थिक संकट में फंस गया है। इस मौके पर डा. वीके सिंह, इरफान अली, अजीत प्रताप सिंह, मो. इशहाक, आचार्य ओम प्रकाश मिश्रा, जमुना प्रसाद पांडेय, रामराज पांडेय, सलीम उल्ला राईन, श्याम शंकर तिवारी, अब्दुल माबूद, सुरेश मिश्रा, मकरंद शुक्ला, लव त्रिपाठी, मौलाना वाहिद, दिवाकर दिग्गज, बशीर पहलवान, विजय शंकर तिवारी, सोनिया गुप्ता आदि मौजूद रहे।

नोटबंदी से सुधरी अर्थव्यवस्था : प्रो. मुखर्जी

भारत विकास परिषद प्रयाग शाखा की ओर से थियोसोफिकल सोसायटी के आनंद हाल में नोटबंदी के दो वर्ष-देश पर प्रभाव विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि प्रो. असीम मुखर्जी ने कहा कि नोटबंदी ने काले धन को गोबर बना दिया। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ। रिटेल व्यवसाय के व्यापार को नियंत्रित करने में सहायता मिली। वहीं भ्रष्टाचार करने वालों में भय व्याप्त हो गया। उन्होंने कहा कि सिर्फ वही पैसा काला धन नहीं है जो सरकारी कर से बच गया, बल्कि अर्थव्यवस्था में जाने वाली धनराशि भी काला धन है।

 अध्यक्षता कर रहे डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि नोटबंदी जैसा बड़ा कदम सरकार ने अचानक नहीं उठाया, बल्कि सत्ता में आने के बाद से उसकी तैयारी चल रही थी। संयोजक डॉ. सुनीलकांत मिश्र ने कहा कि नोट बंदी से लोगों की अपेक्षाएं बहुत बड़ी थी, इसलिए इसका मूल्यांकन करते समय बहुत सारी चीजों को ध्यान में नहीं रखा जाता। आभार अधिवक्ता आरपी अग्रवाल ने ज्ञापित किया। संचालन अरुण त्रिपाठी ने किया।


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