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Ramadan in Lockdown : तरावीह में न हों एकत्र, सोशल मीडिया का सहारा लेंगे मुस्लिम धर्मगुरु Prayagraj News

लॉकडाउन के दौरान ही रमजान का महीना भी शुरू होने वाला है। ऐसे में रोजा और तरावीह को लेकर असमंजस की स्थिति अब साफ होने लगी है। तरावीह में एकत्रित न होने की अपील की जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2020 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 03:19 PM (IST)
Ramadan in Lockdown : तरावीह में न हों एकत्र, सोशल मीडिया का सहारा लेंगे मुस्लिम धर्मगुरु Prayagraj News
Ramadan in Lockdown : तरावीह में न हों एकत्र, सोशल मीडिया का सहारा लेंगे मुस्लिम धर्मगुरु Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। एक ओर कोरोना वायरस की चेन तोडऩे के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। वहीं रमजान का महीना भी शुरू होने वाला है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग असमंजस में थे। हालांकि अब रोजा और तरावीह को लेकर असमंजस की स्थिति साफ होने लगी है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तैयारी की है कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक यह बात पहुंचाई जाएगी कि तरावीह के लिए कहीं एकत्रित होने से परहेज करें। हालांकि इससे पहले हदीस का अध्ययन किया जा रहा है, जिससे कि विषम परिस्थिति में नबियों द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर ही कोई नया कदम उठाया जा सके।

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लोग घरों में ही रहेंगे, अफ्तारी बाहर नहीं करेंगे

रमजान में रोजा रखने के लिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में पहले ही इस पर आपसी सहमति बन चुकी है कि लोग घरों में ही रहेंगे, अफ्तारी कहीं बाहर नहीं होगी। अब तरावीह को लेकर भी एक दो दिन में निर्णय होने की संभावना है। इस पर धर्मगुरु गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि इंसानियत का पैगाम देते हुए हर कोई लॉकडाउन का पालन करे और तरावीह की नमाज के लिए कोई कहीं एकत्रित न हो।

धर्मगुरु अपनी बातें रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया का लेंगे सहारा

धर्मगुरु अपनी बातें रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया पर एक-दूसरे तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। चौक जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदस्य मोहम्मद आजम का कहना है कि पहले भी कई विषम परिस्थितियां दुनिया में आ चुकी हैं, जिन पर इंसानियत का पैगाम देते हुए नबियों ने अहम निर्णय लिए थे। हदीस में उन्हीं निर्णयों को देखकर विचार हो रहा है।


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