Narendra Giri की मृत्यु के बाद नया मसला, शिष्यों में तकरार सुलझाने के लिए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष सक्रिय
ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के शिष्यों बलवीर गिरि व अमर गिरि के बीच से श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महात्मा अचंभित हैं। इसे बड़ी साजिश माना जा रहा है। यही कारण है कि श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव (कर्ताधर्ता) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने स्वयं कमान संभाल ली
प्रयागराज, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरि के शिष्यों बलवीर गिरि व अमर गिरि के बीच चल रही खींचतान से श्रीनिरंजनी अखाड़ा के महात्मा अचंभित हैं। इसे बड़ी साजिश माना जा रहा है। यही कारण है कि श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव (कर्ताधर्ता) व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने स्वयं कमान संभाल ली है। बलवीर गिरि व अमर गिरि के बीच सुलह कराने के लिए वो मंगलवार को प्रयागराज आएंगे। आपसी सामंजस्य से बीच का रास्ता निकालेंगे।
वसीयत के आधार पर अमर गिरि हुए थे व्यवस्थापक नियुक्त
महंत नरेंद्र गिरि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के साथ श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर थे। वे श्रीनिरंजनी अखाड़ा से जुड़े थे। 20 सितंबर 2021 को बाघम्बरी गद्दी में फांसी लगाकर उन्हाेंने खुदकुशी कर ली थी। मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि आरोपी बनाए गए।आनंद गिरि के खिलाफ अमर गिरि व पवन महाराज की ओर से एफआइआर दर्ज करवाई गई। वसीयत व सुसाइड नोट के आधार पर बलवीर गिरि बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बने। वहीं, अमर गिरि बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक नियुक्त हुए। अमर गिरि को नरेंद्र गिरि ने जीवित रहते हुए मंदिर का व्यवस्थापक बनाया था, उनकी सुसाइड नोट व वसीयत में भी इसका जिक्र है।
व्यवस्थापक पद से हटाने पर अमर गिरि ने मुकदमा वापसी का दिया हलफनामा
नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद शुरुआत में कुछ समय तक सब ठीक रहा, लेकिन कुछ माह पहले से बलवीर गिरि व अमर गिरि में विवाद होने की बात कही जा रही है। हनुमान मंदिर की व्यवस्था बलवीर गिरि ने अपने हाथों में ले लिया। इधर, अमर गिरि ने आनंद गिरि के खिलाफ दर्ज एफआइआर वापस लेने के लिए कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इससे दोनों के बीच विवाद गहराने की बात सामने आयी। वहीं, रवींद्र पुरी ने कहा कि एफआइआर वापस नहीं ली जाएगी। नरेंद्र गिरि बड़े महात्मा थे, जिनके दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मैं स्वयं पूरे मामले की पड़ताल करुंगा। इसके पीछे बड़ी साजिश है। कुछ लोग बलवीर व अमर गिरि को लड़वाकर अपना हित साधना चाहते हैं। वो अपनी साजिश में सफल नहीं होंगे। वहीं, बलवीर गिरि का कहना है कि अमर गिरि से मेरा कोई विवाद नहीं है। मैंने उन्हें हटाया नहीं है, सिर्फ व्यवस्था में नए लोग जोड़े गए हैं।