Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये बेरहमी जीवन भर देगी रजनीश को पीड़ा... वह चीखता रहा, प्रयागराज पुलिस की लाठियां बरसती रहींं

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jan 2022 08:56 AM (IST)

    दैनिक जागरण से आपबीती सुनाते हुए रजनीश ने बताया कि शाम के चार बजे थे। वह कमरे से दूध खरीदने के लिए पूर्वांचल चौराहे की तरफ निकला। वहां भारी संख्या में पुलिस थी। रजनीश कुछ समझ पाता इससे पहले ही चार पुलिसकर्मियों ने उसे घेरा और पीटने लगे

    Hero Image
    बघाड़ा में छात्रों के उत्पात और पुलिस कार्रवाई के बाद अब वहां शांति बनी है

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सरजी...। क्यों मार रहे हैं... मैंने क्या गुनाह किया। प्लीज मत मारिए...। मर जाऊंगा...। बता तो दीजिए मेरी गलती क्या है। छोड़ दीजिए सर...। लौट जा रहा यहीं से। दूध लेने भी नहीं जाऊंगा अब...। बलिया के घोसी का रजनीश भारती चीखते हुए अपनी बात कहता रहा और पुलिसकर्मी घेरकर उस पर लाठियां बरसाते रहे। पुलिस की बर्बरता से वह बुरी तरह जख्मी हो गया। वह भी बिना किसी दोष के। पुलिस के चंगुल से छूटकर वह सीधे गांव के लिए रवाना हो गया। रजनीश घर पहुंचा तो उसका यह हाल देखकर घरवालों का भी कलेजा कांप उठा। रजनीश का कहना है कि पुलिस की यह बेरहमी उसे जीवन भर पीड़ा देगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दूध लेने जा रहा था...पुलिसवालों ने घेरकर बेरहमी से पीटा

    दैनिक जागरण से आपबीती सुनाते हुए रजनीश ने बताया कि शाम के चार बजे थे। वह कमरे से दूध खरीदने के लिए पूर्वांचल चौराहे की तरफ निकला। वहां भारी संख्या में पुलिस थी। रजनीश कुछ समझ पाता इससे पहले ही चार पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया। बगैर पूछताछ किए ही उस पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी गईं। रजनीश ने बताया कि वह यह भी नहीं समझ पाया कि आखिर उसे पुलिस इतनी बर्बरता से क्यों पीट रही है। पुलिस उसे पकड़कर पीटते हुए एनी बेसेंट पुलिस चौकी तक ले गई। वहां भी उसकी पिटाई की गई। जब उसने यहां भी अपनी उसी बात को दोहराया तो पुलिस ने लाठी पटककर उसे खदेड़ दिया। वह भागता हुआ कमरे पर पहुंचा और घरवालों को सारी बात बताई। घरवालों ने भी उसे फौरन वापस गांव बुला लिया। वहां जब उसने कपड़े उतारे तो शरीर पर गहरे जख्म देख घरवाले भी कांप उठे। रजनीश ने बताया कि उसे तो बाद में पता चला कि बवाल की वजह से पुलिस ने उसकी पिटाई की। हैरानी वाली बात तो यह है कि वह बवाल में शामिल ही नहीं हुआ था। यही नहीं वह रेलवे की किसी परीक्षा में अब तक आवेदन ही नहीं किया। यह अलग बात है कि उसने केवल दारोगा भर्ती परीक्षा दी है।

    दहशत में बीती रात, बस बच गई जान

    दैनिक जागरण ने उस लाज के छात्रों से भी बात की, जहां पुलिस बर्बरतापूर्वक छात्रों को कमरे से निकालकर पीट रही थी। अब वह लाज खाली हो चुका है। इक्का-दुक्का छात्र ही वहां ठहरे हैं बाकी पलायन कर गए हैं। इसी लाज का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में एक सिपाही पैर से धक्का देकर कमरा तोड़ने का प्रयास कर रहा था। बंदूक के बट से भी दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया गया। उस कमरे में रहने वाले छात्र ने बताया कि वह छत पर था। तभी पुलिस लाज में घुसी। भागकर वह कमरे में पहुंचा और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पुलिस ने खिड़की के शीशे तोड़ डाले। खूब गालीगलौच की। अचानक झटके से लाक टूट गया तो वह पूरी ताकत के साथ दरवाजा से चिपककर खड़ा हो गया। ठंड में भी डर के मारे पसीना छूट गया। पुलिस के जाने के बाद भी वह दहशत में रहा और सारी रात सोया नहीं। छात्र ने बताया कि अगर दरवाजा खुल जाता तो पुलिस उसे भी बहुत मारती।

    कमरों में ताला, छात्रों का पलायन

    पुलिस की इस बर्बरता के बाद अधिकाश लाज छोड़कर छात्र पलायन कर गए। कमरों में ताला लटक रहा है। तमाम छात्र तो वहां कमरा छोड़कर दूसरे मुहल्लों में चले गए और कई गांव भाग गए। छात्रों ने बताया कि वह रात भर जगते रहे। जैसे-तैसे रात कटने के बाद दूसरे दिन सुबह होते ही वह जिस हाल में थी उसी हाल में गांव चले गए। छोटा बघाड़ा में रहने वाले गाजीपुर के शैलेश यादव का पुलिस ने इतना मारा की उसकी हथेली फट गई। वह भी पलायन कर गया।

    चप्पे-चप्पे पर तैनात रही फोर्स

    मंगलवार को प्रयाग स्टेशन पर बवाल के बाद पुलिस ने छात्रों को खूब पीटा। इसके बाद गुरुवार को चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर दी गई। पुलिस के अलावा पीएसी के जवान भी काफी संख्या में तैनात रहे।

    खेद प्रकाश

    इस खबर के साथ पहले अपलोड की गई तस्‍वीर खुद को पीडि़त बताते हुए एक युवक की तरफ से हमें वाट्सएप के जरिए भेजी गई थी। इसकी सत्‍यता गलत साबित हुई जिसके लिए हम खेद प्रकट करते हैं।