जमाती प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के खिलाफ जांच कमेटी गठित Prayagraj News
मऊ जिले के मूल निवासी प्रोफेसर परिवार समेत शिवकुटी थाना के मेंहदौरी कालोनी में रहते हैैं। वह 10 मार्च तक दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे।
प्रयागराज,जेएनएन। तब्लीगी जमातियों को अवैध ढंग से रुकवाने के आरोपित राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर मो. शाहिद के खिलाफ इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) सख्त हो गया है। कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी ने उनके खिलाफ पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर मामले में जांच रिपोर्ट मांगी है।
जमाती प्रोफेसर को गिरफ्तारी की अवधि से किया गया है निलंबित
कार्यवाहक कुलपति ने 24 अप्रैल को विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए उन्हें गिरफ्तारी की अवधि से निलंबित कर दिया है। अब सोमवार को प्रोफेसर शाहिद के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दी गई। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय की अध्यक्षता में गठित कमेटी में रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल, डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह, राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनुराधा अग्रवाल और उर्दू विभाग की अध्यक्ष प्रो. शबनम हमीद शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि मऊ जिले के मूल निवासी प्रोफेसर परिवार समेत शिवकुटी थाना के मेंहदौरी कालोनी में रहते हैैं। वह 10 मार्च तक दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। यह जानकारी छुपाकर वह 17 मार्च को विवि की वार्षिक परीक्षा में शामिल हुए। आठ अप्रैल को उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
प्रोफेसर ने जमातियों को शहर में रुकवाया था
इंडोनेशिया के सात जमातियों समेत नौ लोगों को अब्दुल्ला मस्जिद में रुकवाने की व्यवस्था भी कराई थी। इस मामले में फॉरेन एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। इसी क्रम में 21 अप्रैल को प्रोफेसर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इविवि जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय के ऑर्डिनेंस के तहत प्रोफेसर मो. शाहिद का निलंबन किया गया। अब प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट को विचार के लिए कार्य परिषद की अगली बैठक में रखा जाएगा।