ठठेरी बाजार में तीसरे दिन भी जमकर खेली गई होली, बरसा रंग
होली पर्व के तीसरे दिन भी ठठेरी बाजार में प्रेम का रंग बरसा। बाजार के दोनाें ओर बैरिकेडिंग कर होली खेली गई। मस्ती में सराबोर सभी आयु वर्ग के लोगों ने रंग लगाया नृत्य कर खूब मस्ती की।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 07:26 PM (IST)
प्रयागराज : जिस ठठेरी बाजार में आम दिनों में चहल-पहल शुरू हो जाती है। गली बर्तन के खरीदारों से भरी रहती है, उसकी स्थिति शनिवार को भिन्न थी। यहां सुबह से सैकड़ों लोगों का जमघट हो गया, लेकिन वह खरीदारों की नहीं, होलियारों की भीड़ थी। न जाति का भेद, न धर्म का बंधन। हर चेहरा रंगीन। हर कोई लाल, गुलाबी, हरा और बैगनी रंग में रंगा था। फिल्मी गीतों पर थिरकती युवाओं की टोली। कोई छत पर पिचकारी से रंग डाल रहा था तो कोई गुब्बारे से दूसरे पर वार करके भाग रहा था। यहां हर किसी पर प्रेम और उल्लास का रंग चढ़ा रहा।
सिर्फ रंग खेलने वालों को अंदर जाने की अनुमति थी
प्रयागराज में दो दिन होली खेली जाती है, लेकिन ठठेरी बाजार में तीसरे दिन भी रंग खेलने की परंपरा है। इसके चलते देश में यह अनोखी होली मानी जाती है। ठठेरी बाजार में शनिवार को होलियारों ने जमकर होली खेली। रंग चलने के कारण गली की सारी दुकानें बंद रहीं। वहां बाहरी लोगों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया था। सिर्फ रंग खेलने वालों को अंदर जाने की अनुमति थी। सुबह दस बजे से शुरू हुआ रंग खेलने का सिलसिला दोपहर दो बजे तक चलता रहा।
बरसा प्रेम का रंग, रंगों से सरोबार हुए सभी
लोगों ने एक-दूसरे के ऊपर रंग, अबीर-गुलाल से सराबोर कर दिया। महिला, पुरुष, बच्चे और वृद्ध सबने जमकर होली खेली। लोगों पर प्रेम का ऐसा रंग चढ़ा कि जाति-धर्म व वैमनस्यता की सारी दीवारें ढह गई। दिन में रंग खेलने के बाद शाम को घर जाकर बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने एक-दूसरे के गले लगकर और अबीर-गुलाल लगाकर होली की बधाई दी।
नैनी बाजार में भी रंगों में सरोबोर रहे लोग
ठठेरी बाजार की तर्ज पर नैनी बाजार में भी लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी होली खेली गई। क्या बच्चे, क्या युवा और क्या महिलाएं सभी रंगों से सराबोर रहे। सभी के चेहरे लाल, हरे रंगों में रंगे रहे। महिलाओं के साथ युवतियों ने भी जमकर होली खेली। दोपहर तक यहां होली खेली गई। होली समाप्त होते-होते युवाओं एक दूसरे के कपड़े भी फाड़ दिए।
सिर्फ रंग खेलने वालों को अंदर जाने की अनुमति थी
प्रयागराज में दो दिन होली खेली जाती है, लेकिन ठठेरी बाजार में तीसरे दिन भी रंग खेलने की परंपरा है। इसके चलते देश में यह अनोखी होली मानी जाती है। ठठेरी बाजार में शनिवार को होलियारों ने जमकर होली खेली। रंग चलने के कारण गली की सारी दुकानें बंद रहीं। वहां बाहरी लोगों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया था। सिर्फ रंग खेलने वालों को अंदर जाने की अनुमति थी। सुबह दस बजे से शुरू हुआ रंग खेलने का सिलसिला दोपहर दो बजे तक चलता रहा।
बरसा प्रेम का रंग, रंगों से सरोबार हुए सभी
लोगों ने एक-दूसरे के ऊपर रंग, अबीर-गुलाल से सराबोर कर दिया। महिला, पुरुष, बच्चे और वृद्ध सबने जमकर होली खेली। लोगों पर प्रेम का ऐसा रंग चढ़ा कि जाति-धर्म व वैमनस्यता की सारी दीवारें ढह गई। दिन में रंग खेलने के बाद शाम को घर जाकर बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने एक-दूसरे के गले लगकर और अबीर-गुलाल लगाकर होली की बधाई दी।
नैनी बाजार में भी रंगों में सरोबोर रहे लोग
ठठेरी बाजार की तर्ज पर नैनी बाजार में भी लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी होली खेली गई। क्या बच्चे, क्या युवा और क्या महिलाएं सभी रंगों से सराबोर रहे। सभी के चेहरे लाल, हरे रंगों में रंगे रहे। महिलाओं के साथ युवतियों ने भी जमकर होली खेली। दोपहर तक यहां होली खेली गई। होली समाप्त होते-होते युवाओं एक दूसरे के कपड़े भी फाड़ दिए।
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