भाजपा काशी क्षेत्र शिक्षक प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ. शैलेश बोले-किसानों को बरगला रहे हैं विपक्ष के नेता
डॉ. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि किसानों के लिए रक्षा कवच का काम करने वाला ये कृषि कानून उनके लिए समर्पित है। इसकी वजह से अब किसानों को बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं रहेगी। वे अपनी उपज सीधे मंडियों में बेच सकेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। भाजपा काशी क्षेत्र शिक्षक प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ. शैलेश कुमार पांडेय इन दिनों प्रयागराज प्रवास पर हैं। सोरांव स्थित एमएलएपी इंटर कॉलेज में उन्होंने किसानों को संबोधित किया। कहा कि नए कृषि कानून को लेकर विपक्ष के नेता किसानों को बरगला रहे हैं। सरकार किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के जरिए उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बोले, अब किसानों को बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं
डॉ. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि किसानों के लिए रक्षा कवच का काम करने वाला ये कृषि कानून उनके लिए समर्पित है। इसकी वजह से अब किसानों को बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं रहेगी। वे अपनी उपज सीधे मंडियों में बेच सकेंगे। जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर विपक्ष के लोग राजनीति कर रहे हैं और एग्रीकल्चर संशोधनों को लागू करने की बात कर रहे हैं, वो जब इतने साल में लागू नहीं कर पाए और आज बीजेपी की सरकार उस काम को कर रही है तो ये लोग छटपटा रहे हैं।
कृषि कानून को लेकर किसानों के संशय भी दूर किए गए
भाजपा के काशी क्षेत्र शिक्षक प्रकोष्ठ के सह संयोजक बोले कि इस बिल का विरोध करने वाले बिचौलियों के साथ हैं और किसानों को उनके हित को समझने नहीं देने चाहते हैं। बिचौलियों के जरिए मुनाफा कमाने वालों को किसानों के फायदे की वास्तविक चिंता नहीं है। शिक्षक सभा ने किसानों के हित और समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान कृषि कानून को लेकर किसानों के तमाम संशय भी दूर किए गए।
किसानों के बनाया गया है नया कृषि कानून : राम बहादुर
कार्यक्रम के आयोजक राम बहादुर ने बताया कि नए कृषि कानून को लेकर किसानों के मन मे तमाम संशय थे, जो दूर हो गए हैं। किसान यह जान गए हैं कि नया कृषि कानून उनके हित के लिए बनाया गया है। जागरूकता अभियान कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष राम औतार गुप्ता, गंगापार अध्यक्ष माहेश्वरी प्रसाद तिवारी, शैलेन्द्र सिंह, सुरेश कुमार, रामलोचन सिंह, बैद्यनाथ, महंत राम, राजन, नन्हकू, मोहनदास, रामनाथ, बनवारी लाल, जगत बहादुर पटेल समेत कई शिक्षक और किसान उपस्थित थे।