मात्र दो सौ रुपये के फेर में चली गई बीसीपी मैनेजर की नौकरी
मेजा के बीसीपीएम आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के नाम पर वसूली कर रहे थे! सीएमओ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
प्रयागराज : मोबाइल देने के नाम पर आशा कार्यकर्ताओं से दो-दो सौ रुपये की वसूली में बीसीपीएम (ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर) की नौकरी चली गई। जांच में रकम लेने की पुष्टि के बाद सीएमओ ने मेजा के बीसीपीएम की सेवा समाप्त करते हुए बर्खास्त कर दिया।
सरकार की ओर से जिले की करीब 4100 आशा कार्यकर्ताओं को सीयूजी नंबर और मोबाइल दिया गया है। मेजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात बीसीपीएम शिवपूजन ने इसे आशाओं के हाथ सौंपने में वसूली शुरू कर दी। कुछ आशा कार्यकर्ताओं ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच करने का निर्देश दिया।
कमेटी में शामिल एसीएमओ डॉ. सत्येन राय, एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनोद कुमार सिंह व डीसीपीएम अशफाक खान ने इसकी जांच की तो शिकायत सही पाई गई। आशा कार्यकर्ताओं ने जांच कमेटी के सामने बीसीपीएम द्वारा मोबाइल के लिए रुपये लिए जाने की बात कही। किसी आशा से 100 तो किसी से 200 रुपये लिए गए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएमओ ने मेजा के बीसीपीएम की सेवा समाप्त कर दिया।
अधीक्षक को भी नहीं दी थी जानकारी
बीसीपीएम शिवपूजन को वितरण के लिए मोबाइल सेट मिले तो उन्होंने इसकी सूचना अधीक्षक को भी नहीं दी। न ही स्टॉक रजिस्टर में अंकित किया। वह सीधे आशाओं को वितरित कर रुपये लेता रहा। यह बात जांच में सामने आयी है।
बीसीपीएम मेजा रुपये लेकर आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल दे रहे थे। शिकायत पर हमने जांच करायी जिसमें रुपये लेने का मामला आया। उसकी सेवा समाप्त कर दी गई है।
-डॉ. जीएस बाजपेई, सीएमओ