Ayodhya Verdict : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुंभ में थामा था राम मंदिर पर संतों का ज्वार Prayagraj News
कुंभ में विहिप की धर्म संसद में सतों ने मोदी सरकार को चार माह की मोहलत दी थी। सीएम योगी के संतों से संपर्क और संघ प्रमुख मोहन भागवत के प्रयास से संतों के तेवर कम हुए थे।
प्रयागराज, [अवधेश पांडेय]। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए ज्वाला 2019 में संगम तट पर हुए कुंभ में तेज हुई थी। विहिप के शिविर में आयोजित धर्म संसद में संत अयोध्या में राम मंदिर के लिए कुंभ में ही ठोस निर्णय पर पहुंचना चाहते थे। वह और इंतजार करने के पक्ष में नहीं थे। चूंकि कुंभ के बाद लोकसभा के चुनाव होने थे, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत धैर्य के पक्ष में थे। कुंभ की व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार प्रयागराज आए। उस दौरान संतों से भी मिलते रहे। ऐसे में मोहन भागवत और योगी के प्रयास काम आए और धर्म संसद मोदी को चार महीने की मोहलत के साथ खत्म हुई थी।
संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने संतों का आक्रोश थामा था
कुंभ की धर्मसंसद पर हर किसी की निगाह थी, क्योंकि विश्व हिंदू परिषद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर मुखर थी। धर्म संसद के दूसरे दिन मंदिर के लिए प्रस्ताव आना था। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था और लोकसभा चुनाव भी सन्निकट थे, ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार के सामने धर्मसंकट था। इस बात को संत भी समझ रहे थे, लेकिन विहिप अड़ी हुई थी। कुंभ मेला के सेक्टर-14 में विहिप के शिविर में फरवरी में हुई धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत शामिल हुए थे। उसमें उन्होंने संतों का आक्रोश थामा। उधर, योगी आदित्यनाथ भी प्रयागराज दौरों के दौरान संतों को साध कर चल रहे थे। ऐसे में भागवत और योगी की नीति काम कर गई।
योगी के प्रयास से संतों ने लोस चुनाव में मोदी का साथ देने का एलान किया
धर्मसंसद में मोदी सरकार को चार महीने की मोहलत देने के निर्णय के साथ न सिर्फ धर्मसंसद का समापन हुआ, बल्कि योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से संतों ने लोकसभा चुनाव में मोदी का साथ देने का भी एलान किया। उस समय धर्मसंसद में धैर्य रखने के निर्णय से कुछ वक्त मिल गया और इधर सुप्रीम कोर्ट भी धीरे-धीरे फैसले को ओर बढ़ती रही। लोकसभा चुनाव में फिर मोदी सरकार केंद्र में बड़े बहुमत से आरूढ़ हुई। इधर सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में रोज सुनवाई शुरू कर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला देकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया।