वीआइपी शौचालय का खाका तैयार कर रहा स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन वीआइपी शौचाल का खाका तैयार कर रहा है। शासन के निर्देश पर स्वच्छता समिति शौचालयों की फोटोग्राफी करा रही हैं।
प्रयागराज : स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रतापगढ़ जिले में जहां हजारों की संख्या में लोगों ने पैसा हजम कर लिया लेकिन शौचालय अभी तक नहीं बनवाया। वहीं जिले में ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने सरकारी अनुदान के अलावा निजी हजारों रुपये की लागत से बेहतर शौचालय बनवाया है। शासन ने ब्लॉकवार वीआइपी शौचालयों की लाइब्रेरी तैयार करने को कहा है। उसकी फोटो और वीडियोग्राफी कराकर उसे शासन में भेजने के सख्त निर्देश दिए हैं। डीपीआरओ ने स्वच्छ भारत मिशन के सभी डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) को इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी तैयार करने का निर्देश दिया है। स्वच्छता समिति गांव में जाकर शौचालयों की वीडियोग्राफी करवा रही है।
चार लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य
जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत चार लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य है। करीब चार लाख शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। इसमें हजारों ऐसे लाभार्थी मिले हैं जिन्होंने 12 हजार रुपये अनुदान मिलने के अलावा हजारों रुपये निजी लगाकर बेहतरीन शौचालय बनवाया है। सबसे खास बात यह भी है कि उसमें से काफी ऐसे लाभार्थी हैं जो मध्यम वर्ग परिवार से हैं। कई ऐसे भी लाभार्थी मिले जो केवल अनुदान पर ही आश्रित हैं, जबकि वह भी इसी वर्ग के हैं। शौचालय निर्माण कराकर केवल कोरम पूरा किया है। जिले की कुछ ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों ने शौचालय निर्माण में लाखों रुपये खर्च किया है। शौचालय के अलावा उसमें स्नानागार भी बनवाया है। वह शौचालय देखते बनता है। शहर की तर्ज पर उसका निर्माण कराया है।
ब्लाकवार ग्राम पंचायतों की सूची
लक्ष्मणपुर-अजगरा, बासूपुर, पूरे बीरबल, शिवबोझ, चंदापुर, जेठवारा, सगरा
मानधाता-पितईपुर, रामपुर बजहा, मल्हूपुर, दहिलामऊ, अमैयामऊ लाखूपुर
सदर-राजगढ़, जहनईपुर, सगरा, नसीरपुर, रूपापुर, भुवालपुर, सराय बहेलिया, मझिलहा
बिहार-खटवारा, भावनपुर, ऐमाजाटूपुर, सबलगढ़, सराय इंद्रावत, बिकरा, भाव
कुंडा-डीहा, समसपुर कांटी, जहानाबाद, कनावा, बछरौली, शेखपुर आशिक
आसपुर देवसरा-गधियावा, आमापुर, तियावां, लबेदा, लाखीपुर कपसा, सुरकौली
पट्टी-कोठियार, सधईपुर, धूती सहसपुर, बाबागंज- पुरमई सुल्तानपुर, नरियावा
संडवा चंद्रिका-पश्चिम गांव, सांगीपुर-उमरपुर
क्या कहते हैं डीपीआराओ
डीपीआरओ उमाकांत पांडेय कहते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में मिलने वाले अनुदान के अलावा निजी रुपये से काफी लाभार्थियों ने बेहतर शौचालय बनवाया है। ऐसे शौचालयों का ब्लाकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। परियोजना समन्वयकों से शौचालयों की रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।