विदुषी आस्था गोस्वामी के शास्त्रीय गायन से बिखरी सांस्कृतिक छटा Prayagraj News
उस्ताद शमशाद अहमद खां ने हारमोनियम पर डॉ. विनोद मिश्र ने तबले पर और अंकिता व नंदिनी ने तानपुरा पर संगत की। दूसरी प्रस्तुति जय किशन महाराज समूह नृत्य की रही।
प्रयागराज,जेएनएन : प्रयाग संगीत समिति के मेहता प्रेक्षागृह में बुधवार की शाम वृंदावन से आईं विदुषी आस्था गोस्वामी के शास्त्रीय गायन और गुरु जयकिशन महाराज (कथक केंद्र नई दिल्ली) के समूह नृत्य ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी। इस अवसर पर कथक केंद्र के निदेशक बीबी चुग मुख्य अतिथि रहे। समिति के अध्यक्ष डॉ. मिलन मुखर्जी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
मंच पर पहली प्रस्तुति विदुषी आस्था गोस्वामी की रही। उन्होंने राग शुद्ध कल्याण में विलंबित ख्याल-बोल-बोलन लागे पपिहरा री सखी..., द्रुत ख्याल-बोल- बाजो रे बाजो मंजरिया बाजे..., ठुमरी-राग देश में - मोरा सइंया बुलाए आधी रात मैं बैरन... और भजन, पायो जी मैंने राम रतन धन पायो सुनाया। उनके साथ उस्ताद शमशाद अहमद खां ने हारमोनियम पर, डॉ. विनोद मिश्र ने तबले पर और अंकिता व नंदिनी ने तानपुरा पर संगत की।
दूसरी प्रस्तुति जय किशन महाराज समूह नृत्य की रही। इसमें तराना की प्रस्तुति हुई। यह गायन राग सरस्वती और ङ्क्षहडोल पर आधारित रहा। निर्देशन और संरचना गुरु जय किशन महाराज की रही। संगीत सम्मेलन का संचालन अर्चना दास ने किया।
सरोद, सितार वादन आज
अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन में 14 नवंबर को केडिया ब्रदर्स की ओर से सरोद व सितार वादन तथा कथक केंद्र नई दिल्ली की ओर से लीलाधारी, नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी।
अपनी कविताओं में खुद से संघर्ष करते हैं मुक्तिबोध
दिशा छात्र संगठन की ओर से इविवि परिसर में गजानन माधव मुक्तिबोध के जन्मदिवस पर सभा की गई। इसमें मुक्तिबोध के जीवन और विचारों पर बात की गई और उनकी कविताओं का पाठ किया गया। संगठन के अमित ने कहा कि मुक्तिबोध अपनी कविताओं में खुद से संघर्ष करने के साथ ही समाज में संघर्ष को बहुत सूक्ष्मता और संवेदनशीलता से चित्रित करते हैं और सचेत होकर अपना पक्ष तय करते हैं। संचालन अविनाश ने किया। शाम के समय के समय प्रयाग स्टेशन के हॉल में मुक्तबोध स्मृति संध्या का आयोजन किया गया। इस मौके पर धर्मराज, सुरेश, विकास, विवेक, प्रतिभा, प्रवीण, आशुतोष, इरफान आदि शामिल रहे।