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प्रयागराज वासियों को अधिक गुणवत्तायुक्त पानी मिलेगा, जानें जल निगम की क्‍या है योजना

प्रयागराज के लोगों अब और शुद्ध पानी मिल सकेगा। इसकी कवायद जल निगम के जलकल विभाग ने शुरू कर दी है। इसके तहत पुराने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों का कायाकल्प किया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 01:38 PM (IST)
प्रयागराज वासियों को अधिक गुणवत्तायुक्त पानी मिलेगा, जानें जल निगम की क्‍या है योजना
प्रयागराज वासियों को अधिक गुणवत्तायुक्त पानी मिलेगा, जानें जल निगम की क्‍या है योजना

प्रयागराज, जेएनएन। शहर की एक तिहाई से ज्यादा आबादी को अब और अधिक गुणवत्तायुक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इतना ही नहीं, जलकल विभाग मुख्यालय, खुसरोबाग में दशकों पुराने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों, भूमिगत जलाशयों और करेलाबाग में पुराने इंटेकवेल का कायाकल्प होगा। मुख्यालय भवन का भी जीर्णोद्धार होगा। परिसर में ही जलकर जमा करने के लिए दो कलेक्शन कार्यालय भी बनेंगे। इन कामों के होने से मुख्यालय का स्वरूप तो बदल ही जाएगा। यह सभी काम अमृत योजना फेज तीन के तहत जल निगम कराएगा। इसके लिए 39 करोड़ रुपये जारी हो गया है।

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अमृत योजना के तहत जलनिगम की यह है योजना

जलकल विभाग में तीन वॉटर ट्रीटमेंट (फिल्ट्रेशन) प्लांट और नौ भूमिगत जलाशय है। इन्हीं जलाशयों से पुराने शहर के अलावा सिविल लाइंस, कटरा, ममफोर्डगंज क्षेत्रों में भी पानी की आपूर्ति होती है। तीनों प्लांटों और जलाशयों के फिल्टर मीडिया, ग्रेवल, बालू आदि बदले जाएंगे। पुराने इंटेकवेल के एक और दो नंबर के पंप भी बदले जाएंगे। इन कामों के होने से पानी का प्रवाह भी तेज हो जाएगा और गुणवत्ता में काफी सुधार होगा। बता दें कि इंटेकवेल से ही यमुना नदी का पानी लिफ्ट करके खुसरोबाग भेजा जाता है।  

इन क्षेत्रों में जमीन चिह्नित

छह नए नलकूपों में से तीन के लिए जमीन चिन्हित हो गई है। ट्रांसपोर्टनगर, नीमसराय और सोहबतियाबाग में जमीन मिल गई है। तीन अन्य नलकूपों के लिए जमीन चिन्हित करने की कार्रवाई चल रही है।

भूमिगत जलाशय और दो नलकूप एनओसी के फेर में अटके

अमृत योजना फेज दो में भी 89 करोड़ रुपये की लागत से जलापूॢत के काम कराए जा रहे हैं। मेंहदौरी में भूमिगत जलाशय का काम शुरू हो गया है। गोङ्क्षवदपुर में भूमिगत जलाशय के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। मगर, नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिल सकी है। वहीं, बाई का बाग और सोहबतियाबाग में नलकूपों के लिए भी जमीन चिन्हित कर ली गई है। लेकिन, एनओसी का मसला यहां भी फंसा है।

बोले, जलनिगम के अधिशासी अभियंता

जलनिगम के अधिशासी अभियंता आनंद दुबे कहते हैं कि फेज दो के लिए जहां जमीन चिन्हित हो गई है। निगम से एक-दो दिनों में एनओसी जारी होने की उम्मीद है। फेज तीन के काम 31 मार्च 2021 तक पूरा करना है। जल्द काम शुरू कराया जाएगा।


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