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Swami Vivekananda Jayanti : स्मारक के निर्माण में मदद को उमड़ा था शहर Prayagraj News

वर्ष 1966 में स्वामी विवेकानंद स्मारक के निर्माण के लिए प्रयागराज जिले में बड़ा अभियान चलाया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने इसके लिए आर्थिक सहयोग किया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 04:17 PM (IST)
Swami Vivekananda Jayanti : स्मारक के निर्माण में मदद को उमड़ा था शहर Prayagraj News
Swami Vivekananda Jayanti : स्मारक के निर्माण में मदद को उमड़ा था शहर Prayagraj News

प्रयागराज, ज्ञानेंद्र सिंह। आज से लगभग 54 वर्ष पहले की बात है। कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक का निर्माण कराया जा रहा था। उस समय पूरे देश के लोगों से सहयोग की मांग उठी थी, जिसमें देश वासियों ने खुलकर आर्थिक सहयोग किया था। प्रयागराज के लोगों का भी इसमें बड़ा योगदान रहा।

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प्रयागराज में दस माह तक अभियान चलाया गया था : सुरेंद्र

आर्थिक सहयोग देने वालों में बलरामपुर हाउस निवासी सुरेंद्र प्रसाद शुक्ला भी शामिल थे। विद्युत विभाग के सेवानिवृत्त इंजीनियर शुक्ला ने बताया कि तब वह संघ में प्रयागराज मध्य खंड के कार्यवाह थे। मुट्ठीगंज स्थित बलरामपुरिया कोठी निवासी डॉ.सालिगराम खंड सरचालक थे। सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि विवेकानंद की तपस्थली पर उनके नाम की शिला की स्मारक का निर्माण शुरू कराया गया था। इसके लिए जब सहयोग का आह्वïान किया गया तो प्रयागराज भी आगे रहा। यहां लगभग दस माह तक इसके लिए अभियान चलाया गया था। इस दौरान 30 हजार से ज्यादा लोगों ने लगभग 14 हजार रुपये स्मारक के लिए दिए थे। उन्होंने बताया कि किसी ने एक रुपये तो किसी ने 25 पैसा और कोई 50 पैसे का योगदान दिया था। एक रुपये से ज्यादा का सहयोग देने वाले भी काफी लोग थे।

खास बातें

14 हजार रुपये शहर के लोगों ने इकट्ठा कर भेजा था कन्याकुमारी

30 हजार से ज्यादा लोगों ने स्मारक निर्माण के लिए किया था सहयोग

10 महीने तक पूरे शहर में चलाया गया था आर्थिक मदद का अभियान

20 से ज्यादा टीमें अभियान के तहत लोगों के घर-घर कर रहीं थीं संपर्क

स्मारक निर्माण के प्रभारी एकनाथ रानाडे भी प्रयागराज आए थे

सुरेंद्र शुक्ला के मुताबिक उस समय शहर के लोगों में गजब का उत्साह था। जब टीमें लोगों के घर पहुंचती थी तो उन्हें सहयोग के साथ ही मिठाई भी खिलायी जाती थी। इस अभियान में लगभग 20 टीमें लगाई गई थीं। उन्होंने बताया कि स्मारक निर्माण के प्रभारी एकनाथ रानाडे भी प्रयागराज आए थे और उन्होंने कटरा तथा चौक में नुक्कड़ सभा कर कई इलाकों में जनसंपर्क भी किया था।


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