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अक्षय वट के लिए रास्ता ढूंढने को मंथन

भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव भारत सरकार जीएस मुरली के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मेला प्रशासन तथा जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। कुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधाएं विकसित करने की दृष्टि से विचार-विमर्श किया। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत सरकार के सचिव, मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, अपर जिलाधिकारी एवं विभिन्न कार्यदायी विभागों वरिष्ठ अभियंता और अधिकारी मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 10:40 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 10:40 AM (IST)
अक्षय वट के लिए रास्ता ढूंढने को मंथन
अक्षय वट के लिए रास्ता ढूंढने को मंथन

जासं, इलाहाबाद : फोर्ट रोड स्थित किले में अक्षय वट को श्रद्धालुओं के लिए खोलने को लेकर सोमवार को सेना, जिला प्रशासन और भारत सरकार के अधिकारियों के बीच समन्वय बैठक हुई। इसमें रास्ते को लेकर मंथन किया गया।

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भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव भारत सरकार जीएस मुरली के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मेला प्रशासन तथा जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। कुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधाएं विकसित करने की दृष्टि से विचार-विमर्श किया। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत सरकार के सचिव, मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, अपर जिलाधिकारी एवं विभिन्न कार्यदायी विभागों वरिष्ठ अभियंता और अधिकारी मौजूद रहे। किले के प्रेसीडेंट व्यूय से मंडलायुक्त, सेना के अधिकारियों एवं कुंभ मेलाधिकारी ने भारत सरकार के अधिकारियों को संगम क्षेत्र का विहर्गम दृश्य दिखाया। मेले के सम्भावित विस्तार को समझाया। इसी प्रकार लेटे हनुमान मंदिर के पास किले में जाने वाले रैंप मार्ग द्वार, अक्षय वट दर्शन, पातालपुरी, सरस्वती कूप, गंगा-यमुना जी का मंदिर आदि स्थानों को अधिकारियों ने पैदल घूमकर देखा।

रूट प्लान को लेकर हो रही चर्चा : पिछले महीने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इलाहाबाद का दौरा किया था। सेनाध्यक्ष समेत सेना के आला अधिकारियों के साथ बैठक करके अक्षय वट के लिए रास्ता खोलने को लेकर चर्चा की थी। साथ ही पातालपुरी मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर आश्वासन दिया था। उसके बाद सेना के अधिकारियों ने मंदिर की नाप-जोख की थी।


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