'इत्र' अल-हरम, अल-शमामा बढ़ा रहे हैं रमजान की रौनक
रमजान का आधा महीना बीत चुका है। रमजान के लिए और फिर ईद की खुशियां मनाने के लिए बाजारों में धूम है। तरह-तरह की टोपियां भी हैं तो इत्र और खजूर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : रमजान उल मुबारक के मुकद्दस महीने में रूहानी उत्पाद रंगत बिखेर रहे हैं। शहर के बाजारों में इनकी मांग खासी बढ़ गई है। बाजार में किस्म-किस्म के खजूर, देश विदेश में बनी टोपियां और फिजा को महकाने वाले इत्र का क्रेज साफ दिखाई दे रहा है।
रमजान के रूहानी माहौल से शहर महक रहा है। माहे मुकद्दस में लोग रूह को महकाने वाले उत्पादों को दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। बाजार में किस्म-किस्म के इत्र माहौल को महका रहे हैं। इत्र की बात करें तो 'मिश्री शमामा', 'मिश्री उदल', 'अशर', 'ब्लैक टूर', 'सादिया', 'अल-हरम' और 'अल सानिया' 'मैगनेट' सरीखी इत्र की दर्जनों वैराइटी रोजेदारों की जिंदगी को महका रही हैं। चौक स्थित पालिका बाजार में इत्र के दुकानदार फरोग उद्दीन का कहना है कि यूं तो रमजान में 'जन्नतुल फिरदौस' सरीखे परंपरागत इत्र की मांग रहती है लेकिन नए दौर में युवा आधुनिक ब्रैंड और खुशबू वाले इत्र पसंद कर रहे हैं। इन इत्र की कीमत 60 रुपये से लेकर 700 रुपये प्रति तीन ग्राम है। इसके अलावा बाजारों में खजूर, टोपी की माग बढ़ गई है। दरअसल पवित्र माह रमजान को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के बाजारों में भी खास वस्तुओं की माग बढ़ गई है। इनमें जा-नमाज, टोपी-दातून खरीददारी मुख्य है। आलम यह है कि इस बार बाजारों में तीस रुपये से लेकर पाच सौ रुपये तक की टोपियां मिल रही है। इनमें फैंसी बेलवेट, तुर्की, बरकाती और रामपुरी टोपिया शामिल हैं। मस्जिदों में इंतजामों की बात करें तो पहले से ही नमाजियों के लिए जानमाजों का इंतजाम किया गया है ताकि किसी भी नमाजी को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। लोग मस्जिदों में जाकर जानमाज खरीदकर रखवा रहे हैं। बाजारों में काटन दरी, कारपेट, सिल्क स्पेशल व जरी की कई वैराइटी उपलब्ध हैं। बताया जाता है कि रमजान में इत्र और सुरमा लगाना नये कपड़े पहनने का शौक काफी रहता है, इसके मद्देनजर चालीस से सौ रुपये में तीन से पाच ग्राम वजन में कई किस्मों का सुरमा बिक रहा है। नूरउल्ला रोड में सुपर ग्रीन मार्केट के व्यापारी मोहम्मद हाशिम बताते हैं कि 'ममीरा खास', 'सदफ' और 'गुलाब' का सुरमा अधिक पसंद किया जाता है।