नहीं करना शाही स्नान, हिंदुओं की रक्षा है लक्ष्य : चेतनानंद
भारत भक्ति अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर चेतनानंद (साध्वी प्रज्ञा ठाकुर) अखाड़ा परिषद से मान्यता न मिलने से कुपित हैं। कहा शाही स्नान नहीं, अखाड़ा बनाने का लक्ष्य हिंदुओं की रक्षा करना है।
प्रयागराज : हमें न शाही स्नान की चिंता है, न पेशवाई निकालने की। अगर चिंता है तो सनातन धर्म के गिरते स्तर, बढ़ते धर्मांतरण और वेद-पुराण से दूर होते हिंदुओं की। भारत भक्ति अखाड़ा सारी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गठित हुआ है, जो हम करके दिखाएंगे। आत्मविश्वास से ओतप्रोत यह विचार हैं नवगठित भारत भक्ति अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर चेतनानंद गिरि (साध्वी प्रज्ञा ठाकुर) का।
स्वयं के अखाड़ा को मान्यता न देने से कुपित हैं चेतनानंद
मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोप में लंबे समय तक जेल में रहीं चेतनानंद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा स्वयं के अखाड़ा को मान्यता न देने से कुपित हैं। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि मुझे धर्म का काम करने में किसी अनुमति नहीं चाहिए। न ही मैंने किसी से मान्यता मांगी है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद हमें सिर्फ शाही स्नान करने व पेशवाई निकालने से रोक सकता है। मैंने स्नान करने के लिए अखाड़ा नहीं बनाया। मुझे हिंदुओं व सनातन धर्म की रक्षा करनी है, जिसके लिए 13 अखाड़ों के साथ मिलकर काम करना चाहती हूं।
कहा, आज भी हिंदुओं पर अत्याचार कम नहीं हुआ है
कहती हैं कि 13 अखाड़े सदियों से अस्तित्व में हैं, उसके बावजूद धर्मांतरण हो रहा है। मुगलों और अंग्रेजों ने भारत पर सदियों तक राज किया। आज भी हिंदुओं पर अत्याचार कम नहीं हुआ है। गरीब ङ्क्षहदू धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, अखाड़ों ने उन्हें रोकने के लिए क्या किया? संतों के भगवा वस्त्र को आतंकवाद से जोड़ दिया गया, क्या अखाड़ों ने उसके खिलाफ आवाज उठाई? सीमा असुरक्षित है। अखाड़े क्या आश्रम बनाने, शाही स्नान करने के लिए नहीं बने हैं। हम शास्त्र के साथ शस्त्र उठाकर धर्म की रक्षा करेंगे।
जवानों का बढ़ाएंगी हौसला
चेतनानंद कहती हैं कि जवानों का मनोबल बढ़ाना भारत भक्ति अखाड़ा का उद्देश्य है। इसके लिए सीमा से सटे गांवों व कस्बों में धार्मिक गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। प्रवचन, पूजन के जरिए जवानों का हौसला बढ़ाएंगे। यह मुहिम जुलाई माह से शुरू कर देंगी।
सिर्फ देशभक्तों को मिलेगी दीक्षा
चेतनानंद कहती हैं कि उनके अखाड़े में देशभक्त पुरुष व महिलाओं को दीक्षा मिलेगी। अखाड़े से वही जुड़ेगा जिसका अतीत देशभक्ति वाला होगा। दीक्षा लेने वालों को धर्म के लिए जीने-मरने की शपथ दिलाई जाएगी। संख्या बढ़ाने के लिए किसी को अखाड़े में शामिल नहीं करेंगे।
धर्मांतरण रोककर कराएंगी घर वापसी
हिंदुओं का धर्मांतरण रोकना भारत भक्ति अखाड़ा का मुख्य लक्ष्य है। चेतनानंद कहती हैं कि हम उन क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाएंगी जहां धर्मांतरण ज्यादा हुआ है। हिंदुओं की घर वापसी कराने की मुहिम चलाई जाएगी। डरे सहमे हिंदुओं को सुरक्षा देकर धर्म में वापस लाया जाएगा। वहीं धर्मांतरण करने व कराने वालों को कानून के दायरे में रहकर सजा भी दिलाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर हिंदुओं को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।