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चेतनानंद ने हिंदुओं को एकजुट करने को बनाया भारत भक्ति अखाड़ा

दिव्य प्रेम सेवा मिशन शिविर में भारत भक्ति अखाड़ा बनाया गया। साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर को आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया और उन्‍हें चेतनानंद गिरि नाम दिया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:09 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:09 PM (IST)
चेतनानंद ने हिंदुओं को एकजुट करने को बनाया भारत भक्ति अखाड़ा
चेतनानंद ने हिंदुओं को एकजुट करने को बनाया भारत भक्ति अखाड़ा

कुंभनगर : मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपित रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने माघी पूर्णिमा पर भारत भक्ति अखाड़ा का गठन किया। मेला क्षेत्र स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के शिविर में अखिल भारतीय विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने प्रज्ञा का अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक किया। इसके बाद उन्हें चेतनानंद गिरि नाम दिया गया। अखाड़ा की आराध्य मां काली होंगी। यह अखाड़ा हिंदुओं को एकजुट करने के लिए देश-विदेश में काम करेगा। इधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि यह अखाड़ा फर्जी है, जिसे मान्यता नहीं दी जाएगी।

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के विरोध पर भी बना नया अखाड़ा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के विरोध के बावजूद चेतनानंद गिरि ने नए अखाड़ा का गठन किया। परी व किन्नर के बाद यह तीसरा नया अखाड़ा है। इसके बनने से अखाड़ों की संख्या 16 हो गई है। मंगलवार को अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अध्यक्ष जयशंकर लाल त्रिपाठी, उपाध्यक्ष प्रो. रामपूजन पांडेय और प्रो. बालशास्त्री, महासचिव डॉ. कामेश्वर उपाध्याय, कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रमाकांत पांडेय तथा डॉ. लक्ष्मीनिधि त्रिपाठी ने मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक कर छत्र-चंवर प्रदान किया।

सनातन धर्म की पताका फहराने के लिए अखाड़े का गठन किया : चेतनानंद

चेतनानंद गिरि ने कहा कि ङ्क्षहदुओं को एकजुट करके सनातन धर्म की पताका फहराने के लिए अखाड़े का गठन किया गया है। हम धर्म की रक्षा में 13 अखाड़ों के साथ मिलकर काम करेंगे। हमारा किसी से कोई बैर नहीं है। धर्महित में सारे अखाड़ों के संत-महात्माओं का मार्गदर्शन लेकर काम करेंगे।

कहा, हमें मान्यता की जरूरत नहीं

अखाड़ा परिषद से नए अखाड़े को मान्यता नहीं मिलने के प्रश्न पर कहा कि हमें मान्यता की जरूरत नहीं है। सनानत धर्म की रक्षा हमारा उद्देश्य है, जिसके लिए काम करते रहेंगे।

महंत नरेंद्र गिरि ने भारत भक्ति अखाड़ा को फर्जी घोषित किया

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भारत भक्ति अखाड़ा को फर्जी घोषित कर दिया। बोले, 13 के अलावा किसी 14वें अखाड़ा को मान्यता नहीं मिलेगी। नया अखाड़ा बनाना धाॢमक व सामाजिक परंपरा के खिलाफ है। चेतनानंद चाहें तो किसी अखाड़े से जुड़कर धर्महित में काम करें, उसमें उनका सहयोग किया जाएगा। अखाड़ा बनाएंगी तो उनका हर स्तर पर विरोध होगा। मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने कहा कि चेतनानंद गिरि अपनी वीरता, त्याग व समर्पण से सनातन धर्म के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेंगी।

यह है अखाड़ा का उद्देश्य

- देश में आपदा, विपत्ति या कोई संकट आने पर अखाड़ा मदद को आगे आएगा।

- सनातन धर्म, शास्त्र और संस्कृति संस्कारों पर कुठाराघात होने का विरोध करेगा।

- अराजकतत्व या देशद्रोही कुदृष्टि का खात्मा करेगा।

- सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों को अखाड़ा संबल देगा।

- देश की सुख और शांति के लिए अखाड़ा के संन्यासी कार्य करेंगे।

- जातीय, वर्ग एवं पूजन पद्धतियों का भेद मिटाकर ङ्क्षहदुओं को एक किया जाएगा।

अखाड़े बने, पर नहीं मिली मान्यता

नए अखाड़े पहले भी बने हैं, लेकिन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उन्हें मान्यता प्रदान नहीं की। महाकुंभ 2013 के बाद परी व किन्नर नामक नया अखाड़ा बना। लेकिन मान्यता के अभाव में दोनों अखाड़ों को शाही स्नान की अनुमति नहीं मिली। शिविर लगाने में भी दिक्कतें उठानी पड़ीं। किन्नर अखाड़ा को किसी तरह जमीन मिली, बाद में जूना अखाड़ा में विलय पर उन्हें शाही स्नान करने का अधिकार मिला। जबकि परी अखाड़ा को शिविर लगाने की अनुमति तक नहीं मिली।


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