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Lok Sabha Election 2019 : गंगा में कई जगह पानी कम होने से प्रियंका के कार्यक्रम में तब्दीली

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की जल यात्रा अब लवायन से शुरू होगी। पहले मनैया से होनी थी। ऐसा इसलिए किया गया क्‍योंकि गंगा नदी में कई जगह पर पानी का स्‍तर कम है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:26 AM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:26 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : गंगा में कई जगह पानी कम होने से प्रियंका के कार्यक्रम में तब्दीली
Lok Sabha Election 2019 : गंगा में कई जगह पानी कम होने से प्रियंका के कार्यक्रम में तब्दीली

प्रयागराज : कांग्रेस की राष्ट्रीय  महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की गंगा यात्रा में कम पानी ने विघ्न डाला। एसपीजी, विभिन्न सरकारी विभागों तथा कांग्रेस नेताओं ने उनकी गंगा यात्रा को लेकर मशक्कत की। दरअसल, गंगा में पानी कम होने से छतनाग से लवायन तक स्टीमर नहीं चल पाएगी। अफसरों ने लवायन से आगे स्टीमर चलाने को कहा तो पार्टी नेताओं ने नैनी के लवायन घाट व करछना के मनैया घाट से यात्रा शुरू कराने को कहा। इस पर जिला प्रशासन ने विचार-विमर्श किया और लवायन घाट से यात्रा शुरू कराने को कहा। प्रशासन ने भले ही अनुमति लवायन से दी है, लेकिन काग्रेस नेताओं ने देर रात मनैया घाट से गंगा यात्रा निकालना तय किया है।

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कांग्रेस पदाधिकारियों ने मांगी थी अनुमति

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर पार्टी जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी और कार्यकारी महानगर अध्यक्ष नफीस अनवर ने दो दिन पहले जिला प्रशासन से अनुमति मांगी, जिसे सिंगल विंडो के हवाले कर दिया गया। फिर तहसील प्रशासन, पुलिस, जल पुलिस, सिंचाई विभाग बाढ़ खंड और पीडब्ल्यूडी से आख्या मांगी गई। इन विभागों के अफसरों ने रूट का जायजा लिया। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता आरबी राम ने स्पष्ट किया कि छतनाग से स्टीमर नहीं जा सकेगी, क्योंकि पांटून 18 और 19 को पानी कम होने के कारण खोला नहीं जा सकेगा, जिससे छतनाग घाट पर स्टीमर नहीं पहुंच पाएगी। इसके बाद नागेश्वर घाट के पास बनाई गई जेटी से कार्यक्रम रखा गया मगर वहां भी पानी कम है।

जिला प्रशासन ने लवायन कला गांव से यात्रा शुरू कराने पर हामी भर दी

एसपीजी के अफसरों ने सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह से बात की। मनोज कुमार भी मातहत अफसरों के साथ मौके पर गए। उन्होंने एसपीजी के अधिकारियों को स्पष्ट किया कि स्टीमर यदि तीन फीट पानी की गहराई तक चल सकेगी तो पर्याप्त पानी है मगर इससे ज्यादा पानी की गहराई चाहिए तो पानी पर्याप्त नहीं है। कई जगह तो पानी और भी कम है। छतनाग से लवायन तक यही स्थिति है। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने नैनी के लवायन घाट व करछना के मनैया घाट से यात्रा शुरू करने को कहा। एसपीजी ने भी वहां जाकर घाटों का निरीक्षण किया। वैसे दुमदुमा, सिरसा और लाक्षागृह को भी विकल्प के रूप में रखा गया था। एसपीजी ने इन घाटों का भी निरीक्षण किया था। इसकी रिपोर्ट कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भेज दी गई है। रात में जिला प्रशासन ने लवायन कला गांव से यात्रा शुरू कराने पर हामी भर दी।

सिरसा तक फुल व लवायन तक हॉफ ड्रेजिंग

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से वाराणसी से प्रयागराज तक जलयान चलाए जाने के लिए पिछले साल से ही कवायद शुरू कर दी गई थी। वाराणसी से सिरसा तक ड्रेजिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। लवायन कला तक भी काफी काम हुआ है। पानी की मात्रा ठीक थी तभी वाराणसी से कस्तूरबा और तानशी क्रूज लाए गए थे। कुंभ के बाद गंगा में नरौरा और टिहरी से अतिरिक्त पानी छोड़ा जाना बंद हो गया है जिसके कारण पानी बहुत कम हो गया है।

कम पानी होने से फंसा 'कैलाश'

गंगा में पानी कम होने से महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा का जलयान 'कैलाशÓ बीच गंगा में छतनाग और लवायन के बीच टेंट सिटी के सामने फंस गया है। लंगर डालकर उसे कई दिनों से वहां रोका गया है। कुंभ की समाप्ति पर उसे वाराणसी ले जाया जा रहा था।


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