बड़ा बदलाव: 14 साल बाद बदला यूपी पीएससी परीक्षा पैटर्न
उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) ने पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा के पैटर्न में जो बदलाव किया है, वह संघ लोकसेवा आयोग 2011 में ही कर चुका है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) ने पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा के पैटर्न में जो बदलाव किया है, वह संघ लोकसेवा आयोग यानी यूपीएससी 2011 में ही कर चुका है। उस पैटर्न को स्वीकारने में यूपी पीएससी को सात वर्ष लग गए। ये परीक्षा 2004 से एक ही तरीके से हो रही थी। इसीलिए यह मांग जोर पकड़ रही है कि बदलाव का मॉडल पेपर और मॉडल उत्तरकुंजी जारी करने के बाद अभ्यर्थियों को तैयारी का पर्याप्त मौका दिया जाए।
यूपी पीएससी के प्रतियोगियों की मानें तो 2001 तक पीसीएस की मुख्य परीक्षा में लिखित प्रश्नपत्र का ही प्रावधान रहा है। 2002 में पहला प्रश्नपत्र आब्जेक्टिव व दूसरा पेपर सब्जेक्टिव रहा है। 2004 में दोनों पेपर आब्जेक्टिव किए गए। उसके बाद से एक ही ढर्रे पर परीक्षा होती रही। देशभर के सभी राज्य लोकसेवा आयोग संघ लोकसेवा आयोग में हो रही परीक्षा व उसके पैटर्न को अपनाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पहले आइएएस की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के आसपास ही पीसीएस की परीक्षाएं होती थी, इससे प्रतियोगी एक तैयारी में दो परीक्षाएं आसानी से देते रहे हैं। प्रतियोगियों की मानें तो एक बार तो आइएएस व पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का एक ही दिन आया। लेकिन, इधर के वर्षों में यूपी पीएससी का परीक्षा कार्यक्रम गड़बड़ा गया है और किसी परीक्षा का कोई तय शेड्यूल नहीं है। इससे सब परेशान हैं।
ये कर सकता है यूपी पीएससी
आइएएस की प्रारंभिक परीक्षा के 15 दिन के अंतराल पर पीसीएस प्री हो, वहीं मुख्य परीक्षा में एक माह का अंतर रखा जाए। यूपी पीएससी वार्षिक कैलेंडर बनाते समय अन्य हिंदी भाषी प्रदेशों के आयोगों से वार्ता करके अहम परीक्षाएं आसपास कराए, क्योंकि हिंदी भाषी प्रदेशों के 40 से 50 हजार अभ्यर्थी यूपी के साथ ही बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड लोकसेवा आयोग की परीक्षाएं देते हैं। खास बात यह है कि सभी जगह सेलेबस लगभग एक जैसा है। एक्सपर्ट का पैनल सेलेबस के अनुरूप हो, क्योंकि इधर आब्जेक्टिव प्रश्न बनाने में लगातार सवाल उठे हैं। यूपी पीएससी मॉडल प्रश्नपत्र और उत्तरकुंजी तत्काल जारी करे इसके बाद प्रतियोगियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी का भरपूर समय दिया जाए। अभी मॉडल पेपर व उत्तरकुंजी जारी न करने से असमंजस बना है।