'केंद्र सरकार ने एमएसपी कमेटी बनाकर किसान हितों को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया'- माघ मेले में बोले टिकैत
संगम तट पर माघ मेले में भारतीय किसान यूनियन की पंचायत का बुधवार को समापन हो गया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में आखिरी दिन हुई ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, प्रयागराज: संगम तट पर माघ मेले में भारतीय किसान यूनियन की पंचायत का बुधवार को समापन हो गया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में आखिरी दिन हुई पंचायत में किसानों ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) गारंटी कानून लाने की मांग की है। इस मौके पर टिकैत ने कहा कि कोरोना काल के बाद इस वर्ष पूरी समर्थता के साथ देश भर के किसान यहां आए हैं। फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा है।
एमएसपी गारंटी कानून के लिए केंद्र सरकार की बाट जोह रहे हैं
उन्होंने आगे कहा कि तीन कृषि बिलों की वापसी के बाद एमएसपी गारंटी कानून के लिए हम केंद्र सरकार की बाट जोह रहे हैं। सरकारों द्वारा बिजली बिल बढ़ाया जा रहा है। खाद की किल्लत बनी हुई है। भूमि अधिग्रहण मनमाने तरीके से हो रहा है और जल-जंगल-जमीन बचाने के लिए आदिवासी परेशान हैं। मछली पालन में जुटे लाखों मछुवारों की रोजी-रोटी का संकट है। राजस्थान जैसे राज्यों में घर-घर पानी नहीं पहुंचा है। केरल के नारियल किसान और गन्ने के बकाया भुगतान के लिए पश्चिमी यूपी के किसान परेशान हैं।
किसानों की समस्याओं के बीच से ही यूनियन का उदय
भारतीय किसान यूनियन की पंचायत के समापन में टिकैत ने ये भी कहा कि किसानों की समस्याओं के बीच से ही भारतीय किसान यूनियन का उदय 1987 में हुआ था। भारतीय किसान यूनियन किसानों-मजदूरों और आदिवासियों को विश्वास दिलाती है कि वह इस वर्ग के हितों की रक्षा के लिए सतत संघर्ष करती रहेगी। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने एमएसपी कमेटी बनाकर किसान हितों को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया है। इसलिए हम उस कमेटी को सिरे से खारिज कर एमएसपी गारंटी कानून की पुरजोर मांग करते हैं। पंचायत में किसान हितों के 26 प्रस्ताव पास हुए है। पंचायत के समापन पर राकेश टिकैत केरल के लिए रवाना हो गए।

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