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Suspension for corruption :भ्रष्टाचार के आरोप में उरुवा के सीडीपीओ स्मृति कुमार सिंह निलंबित

भ्रष्टाचार गबन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से दुव्यर्वहार के आरोप में उरुवा ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) स्मृति कुमार सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ मेजा थाने में चार महीने पहले मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:00 AM (IST)
Suspension for corruption :भ्रष्टाचार के आरोप में उरुवा के सीडीपीओ स्मृति कुमार सिंह निलंबित
उरुवा ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) स्मृति कुमार सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है।

प्रयागराज, जेएनएन।  भ्रष्टाचार, गबन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से दुव्यर्वहार के आरोप में उरुवा ब्लाक के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) स्मृति कुमार सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ मेजा थाने में चार महीने पहले मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार हैं। वह कानपुर देहात के थाना रसूलाबाद गांव बिरिया के रहने वाले हैं और निलंबन के बाद जौनपुर डीपीओ कार्यालय में अटैच किया गया है। प्रयागराज में उनका परिवार तेलियरगंज में रहता है।

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चार महीने पहले मेजा थाने में दर्ज कराया जा चुका है मुकदमा

उरुवा ब्लाक में तैनात स्मृति कुमार सिंह के खिलाफ करीब साल भर पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी। कई शिकायतों के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) मनोज राव ने इसकी जांच कमेटी से करवाई। जांच के दौरान पता चला कि स्मृति कुमार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अवैध वसूली की। उनके साथ अभद्रता भी की। इस दौरान शासन से जो धनराशि आई, उसका गबन भी किया। गबन का मामला सामने आने उनसे वसूली की गई। साथ ही जांच कमेटी की रिपोर्ट एसएसपी प्रयागराज को भेजी गई कि स्मृति कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाय। एसएसपी के निर्देश पर छह सितंबर 2020 को मेजा थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार है। इस मामले की जांच सीओ मेजा कर रहे थे। 

कानपुर देहात के है रहने वाले, अब जौनपुर किया गया संबद्ध

दूसरी ओर उनके आरोपों की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने शासन को निलंबन के लिए पत्र लिखा था। अब मेजा सीओ ने जांच रिपोर्ट शासन को भेजी। जांच रिपोर्ट शासन को पहुंची तो 14 जनवरी को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉ. सारिका सिंह ने उन्हें निलंबित कर जौनपुर डीपीओ कार्यालय में संबंद्ध किया गया है। मुकदमा दर्ज होने और निलंबन के बाद अब उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। 


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