CBI ने प्रयागराज के रेलवे अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज किया, एक करोड़ रुपये के गबन का है मामला
पिछले साल कुछ रेल कर्मियों के खाते में अधिक रुपये भेजने का मामला सामने आया था। विभागीय जांच में यह तथ्य सामने आया कि करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। धनराशि पे-बिल सेक्शन में तैनात एपीओ लवकुश के हस्ताक्षर से भेजी गई थी।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में तैनात सहायक कार्मिक अधिकारी (एपीओ) के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने करीब एक करोड़ रुपये गबन मामले में केस दर्ज कर लिया है। प्रकरण में एपीओ समेत पांच कर्मियों के नाम सामने आ रहे हैं। आसार हैैं कि इन लोगों के नाम भी जांच की जद में आ सकते हैं।
रेल कर्मियों के खाते में अधिक रुपये भेजने का मामला
पिछले साल कुछ रेल कर्मियों के खाते में अधिक रुपये भेजने का मामला सामने आया था। विभागीय जांच में यह तथ्य सामने आया कि करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। धनराशि पे-बिल सेक्शन में तैनात एपीओ लवकुश के हस्ताक्षर से भेजी गई थी। उनके खिलाफ चार्जशीट भी जारी की गई थी। साथ ही उन्हें पे-बिल सेक्शन से हटाकर दूसरा काम दे दिया था। इसी सेक्शन में तैनात लिपिक प्रफुल्ल पांडेय को भी हटाया गया था लेकिन 16 फरवरी को 21 को उन्हें फिर वहीं बहाल कर दिया गया।
सीबीआइ नए सिरे से कर रही है जांच
सितंबर 2020 में कार्मिक विभाग के चीफ ओएस (आफिस सुप्रिटेंडेंट) मोतीलाल मिश्रा को भी उस पटल से हटाकर पास सेक्शन में भेजा गया लेकिन कुछ महीने बाद वह फिर चीफ ओएस पटल पर तैनात कर दिए गए। एपीओ लवकुश को जारी मेजर पेनाल्टी चार्जशीट माइनर पेनाल्टी में तब्दील कर दी गई। मामला सीबीआइ तक पहुंचा तो फिर नए सिरे से जांच शुरू कर दी गई है।
सीबीआइ जांच से खलबली मची, अन्य पर भी दर्ज हो सकता है केस
पिछले दिनों प्रयागराज पहुंची सीबीआइ की टीम ने एपीओ के कार्यालय और घर में पड़ताल की। कई दस्तावेज जब्त किए। साथ ही संबंधित अन्य लिपिकों से पूछताछ की। सीबीआइ जांच शुरू होने से खलबली बढ़ गई है। माना जा रहा है कि कुछ और लोगों के खिलाफ एजेंसी केस दर्ज कर सकती है।
मंडल रेल प्रबंधक ने यह कहा
मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज मोहित चंद्रा कहते हैं कि मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ की टीम ने जो दस्तावेज मांगे हैैं, उसे मुहैया कराया जा रहा है। उनकी जो रिपोर्ट आएगी, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।