वसीयतनामा तैयार कराने वाले अधिवक्ता से भी हुई पूछताछ
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु प्रकरण की जांच कर रही सीबीआइ ने गुरुवार को महंत की वसीयत लिखने वाले वकील से पूुछताछ की।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु प्रकरण की जांच कर रही सीबीआइ ने गुरुवार को अल्लापुर निवासी अधिवक्ता से पूछताछ की। उनसे यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार महंत ने वसीयत क्यों और किन परिस्थितियों में बदली? वसीयत की बिदुवार जानकारी ली। कहा जा रहा है कि अब श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के प्रमुख महंत बलवीर गिरि से पूछताछ हो सकती है। मठ में रहने वाले अन्य संत व मंदिर से जुड़े लोगों से भी सवाल किए जा सकते हैं।
महंत नरेंद्र गिरि ने जिला अदालत में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता के जरिये ही वसीयतनामा तैयार करवाया था। पहली वसीयत में उन्होंने आनंद गिरि को उत्तराधिकारी बनाया था, जबकि आखिरी रजिस्टर्ड वसीयत में बलवीर गिरि को मठ, मंदिर की जिम्मेदारी देने की बात लिखवाई। सीबीआइ ने अधिवक्ता से यह पूछा कि उनसे महंत ने कब संपर्क कर वसीयत तैयार करने के लिए कहा, उस वक्त उनकी मनोदशा क्या थी। किसी के दबाव में उन्होंने वसीयत बदली थी अथवा स्वेच्छा से। वसीयतनामा बनवाने से पहले अथवा बाद में महंत ने किसी से परेशान होने का जिक्र तो नहीं किया? कहा जा रहा है कि सीबीआइ की टीम शुक्रवार को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी जाकर बलवीर गिरि सहित कुछ संतों से पूछताछ कर सकती है। फिर जरूरत पड़ने पर नैनी सेट्रल जेल में बंद आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि से पूछताछ की जा सकती है। महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि गृह के कमरे में मृत मिले थे। उनका शव फंदे से लटका हुआ पाया गया था।