सुर्खियों में रहा है प्रयागराज, सीबीआइ ने पिछले वर्ष की थी छापेमारी
पिछले वर्ष भी सीबीआइ ने प्रयागराज में छापेमारी की थी। उस बार एनसीआर मुख्यालय में तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर के यहां छापा मारा था। उन पर आय से अाधिक संपत्ति का मामला था।
प्रयागराज : पिछले साल सीबीआइ ने एनसीआर मुख्यालय में तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर संजय पांडेय के यहां पर छापा मारा था। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला था। उससे पहले सीबीआइ की टीम आरपीएफ के डीआइजी, आइजी, आरआरबी चेयरमैन के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए प्रयागराज आ चुकी है। पिछले 11 सालों में प्रयागराज के रेलवे अधिकारी सीबीआइ के निशाने पर रहे हैं। इसलिए अधिकारी इलाहाबाद मंडल या उत्तर रेलवे मुख्यालय में तैनाती लेने से बचते हैं।
चार विभाग के अधिकारियों की तलाशी जा रही कुंडली
सीबीआइ की टीम ने अभी संकेत एवं दूरसंचार विभाग में तैनात दो बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इंजीनियरिंग, फाइनेंस, इलेक्ट्रिकल, मेंटिनेंस एंड सप्लाई विभाग के एक दर्जन अधिकारी सीबीआइ के रडार पर हैं। सीबीआइ इनके खिलाफ सुबूत जुटा रही है।
मुख्यालय करेगा विभागीय कार्यवाही
सीबीआइ ने जिन दो अफसरों को गिरफ्तार किया है, इलाहाबाद मंडल उन पर विभागीय कार्यवाही नहीं कर सकता।
मनौरी और करछना के टेंडर को लेकर चर्चा
चर्चा है कि सीनियर डीएसटीई और डीएसटीई ने ठेकेदार से मनौरी अैर करछना स्टेशन के पास के टेंडर को दिलाने के लिए रिश्वत मांगी थी। दोनों अधिकारी ठेका दिलाने के लिए ज्यादा रिश्वत मांग रहे थे। इसको लेकर खींचतान चल रही थी। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2018-19 समाप्त हो जाएगा। इसलिए ठेकेदार पुराने काम समाप्त करके नए काम लेने के लिए परेशान था।
आवास पर पसरा रहा सन्नाटा
सीनियर डीएसटीई नीरज पुरी गोस्वामी का आवास सर्कुलर रोड पर है। डीएसटीई पीके सिंह प्रधान डाकघर के सामने रहते हैं। सीबीआइ की टीम दोनों को गिरफ्तार करके लखनऊ ले गई है। दोनों के आवास पर सन्नाटा पसरा है। पीके सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनकी बहन प्रयागराज आ गई हैं।