Move to Jagran APP

सीबीआइ पांच सराफा कारोबारियों की छानबीन में जुटी, फर्जीवाड़ा से सोना खरीदने व बेचने का मामला Prayagraj News

2011 से फर्में फर्जी तरीके से पुराना सोना को खरीदती और बेचती थीं। ऐसी पांचों फर्में 2013 से 2017 के बीच अचानक गुम हो गईं हैं। उनकी तलाश में सीबीआइ टीम छानबीन कर रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 01:07 PM (IST)
सीबीआइ पांच सराफा कारोबारियों की छानबीन में जुटी, फर्जीवाड़ा से सोना खरीदने व बेचने का मामला Prayagraj News
सीबीआइ पांच सराफा कारोबारियों की छानबीन में जुटी, फर्जीवाड़ा से सोना खरीदने व बेचने का मामला Prayagraj News

प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों का गोलमाल करने वाले शहर के पांच सराफा व्यवसायियों की छानबीन कर रही है। सीबीआइ की टीम पिछले कुछ दिनों से यहां डेरा जमाए हुए है। इन फर्जी फर्मों की जांच-पड़ताल के लिए टीम सोमवार को वाणिज्यकर विभाग भी पहुंची थी। हालांकि विभाग में सीबीआइ टीम को कोई जानकारी हाथ नहीं लगी।

loksabha election banner

फर्मों के संचालकों द्वारा फर्जी रसीदें भी छपवाई गई थीं

जानकारों के मुताबिक वर्ष 2011 से शहर की पांच फर्मे फर्जी तरीके से पुराना सोना खरीदने और बेचने का काम कर रही थीं। इन फर्मों का पंजीयन नैनी क्षेत्र के पते पर था, जबकि संचालन चौक और कटरा क्षेत्रों से किया जा रहा था। वर्ष 2013 तक इन फर्मों द्वारा सोना खरीदने और बेचने का कारोबार किया गया पर 2017 तक सभी फर्में गुम हो गईं। इन फर्मों के संचालकों द्वारा फर्जी रसीदें भी छपवाई गई थीं। रसीदों में फर्म और संचालक का फर्जी नाम दर्ज है। सीबीआइ उन्हीं फर्जी रसीदों के आधार पर फर्म संचालकों तक पहुंचने में जुटी है।

कारोबारियों का लोकेशन ट्रेस नहीं हो रहा है

सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम वाणिज्यकर विभाग पहुंची। डिप्टी कमिश्नर (प्रशासन) एके गौतम को पूरा प्रकरण बताया गया। इस पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस बारे में औपचारिक पत्र दिया जाए, तब सूचना एकत्रित कराई जाएगी। पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी और पते के आधार पर ही संचालकों के बारे में कुछ जानकारी मिलने की उम्मीद है। संचालकों की जानकारी होने के बाद उनका बयान दर्ज किया जाएगा। टिन नंबर मात्र है लेकिन इससे कारोबारियों का लोकेशन ट्रेस नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि टिन नंबर भी फर्जी है। वैसे सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि रेलवे से जुड़े एक मामले में भी इन कारोबारियों की तलाश है।  

वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर प्रशासन बोले

वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर (प्रशासन) एके गौतम ने बताया कि सीबीआइ की टीम आई थी। उनसे लिखित पत्र देने के लिए कहा गया है। पत्र मिलने के बाद खंडों से सूचना मंगाई जाएगी, तभी फर्मों अथवा संचालकों के बारे में जानकारी मिल सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.