विधायक राजू पाल हत्याकांड समेत सीबीआइ के ठंडे बस्ते में तीन बड़े मामले
बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड समेत सीबीआइ के हवाले कई केस हैं। बस अब नतीजे का ही इंतजार है। नतीजे आएंगे तभी गुनहगारों को सजा मिल सकेगी।
प्रयागराज : किसी समय सूबे में सनसनी का सबब बने राजू पाल हत्याकांड के बाद अब दो और मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के हवाले हो गई हैं, लेकिन नतीजे में है तो सिर्फ इंतजार। गुनहगार सजा कब पाएंगे, यह कोई नहीं जानता।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को मिली थी, सीबीआइ टीम ने कई दिनों तक डेरा डाला था। दस्तावेज जुटाए थे। घटनास्थल का मुआयना कर पूर्व विधायक पूजा पाल से तथ्यों की जानकारी ली थी, लेकिन टीम यहां से लौटी तो फिर नहीं लौटी। उसकी जांच में क्या मिला? यह बताने वाला कोई नहीं। अब सैम हिग्गिन बॉटम युनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) से जुड़े दो मामलों की जांच भी सीबीआइ को सौंप दी गई है। सीबीआइ ने इनसे जुड़े दस्तावेज तो स्थानीय पुलिस से हासिल कर लिए लेकिन अभी जांच शुरू नहीं हुई है। यह बात दीगर है कि कतिपय हल्कों में शुआट्स से जुड़े मामले इस जांच एजेंसी को दिए जाने से खलबली है।
राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उनके विधायक रहे भाई मो. अशरफ समेत 11 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अदालत में गवाही प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शुआट्स के कुलपति आरबी लाल व अन्य के खिलाफ कैंट और सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज है। सीबीआइ ने सीओ सिविल लाइंस से एफआइआर की कॉपी अंग्रेजी में मांगी थी। पुलिस ने एफआइआर और केस से संबंधित दस्तावेज भेज दिए है। मामले से जुड़े पक्ष सीबीआइ के आने का इंतजार कर रहे हैं।
कुछ और जांचें हैं लंबित :
कुछ और चर्चित मामलों की जांच भी सीबीआइ के हवाले है। उप्र लोकसेवा आयोग में फर्जी नियुक्ति और प्रश्न पत्र लीक करने का मामला इसी कड़ी में है। रेलवे के दो मामलों में भी सीबीआइ जांच हुई है।