प्रयागराज में सड़कों पर यमराज बनकर टहल रहे मवेशी, दारोगा समेत कई लोगों की हो चुकी मौत
दारोगा की मौत के मामले में उनके परिवार के लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इन मवेशियों से राहगीरों को राहत दिलाई जाए। इसके लिए परिवार के लोगों ने पत्र भेजकर मांग है कि जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाया जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा मवेशियों के चलते इन दिनों हादसे बढ़ गए हैैं। इस हफ्ते इन मवेशियों के चलते प्रयागराज में दो दर्जन हादसे हुए हैैं। इसमें तीन लोग असमय ही काल के गाल में समा गए जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोगों के हाथ-पैर टूट गए। जिले के मांडा में दो दिन पहले नीलगाय की टक्कर से दारोगा की मौत के मामले में उनके परिवार के लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इन मवेशियों से राहगीरों को राहत दिलाई जाए। इसके लिए परिवार के लोगों ने पत्र भेजकर मांग है कि जल्द ही इस पर ठोस कदम उठाया जाए, जिससे उनके परिवार को जो पीड़ा हो रही है, वह दूसरे लोगों को न हो।
बेसहारा मवेशी बनेे काल
सड़कों पर बेसहारा मवेशी काल बनकर दौड़ते हैैं। इनके कारण आए दिन हादसे होते हैैं जिनमें असमय ही राहगीर काल-कवलित हो जाते हैैं। सबसे ज्यादा खतरा दो पहिया वाहन सवारों के लिए ये मवेशी हो गए हैैं। यमुनापार में प्रयागराज-मीरजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग, मांडा रोड-प्रतापपुर स्टेट हाईवे, प्रयागराज-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-प्रतापगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रयागराज-राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोज ही मवेशियों के कारण हादसे हो रहे हैैं। इसी हफ्ते 26 नवंबर की शाम मांडा इलाके के ग्राम पंचायत टिकरी में प्रयागराज-मीरजापुर हाईवे पर नीलगाय की टक्कर से पीएसी में दारोगा 45 वर्षीय विजय कुमार की मौत हो गई थी। मेजा के सिंगारो गांव निवासी अमरनाथ के बेटे विजय इन दिनों मीरजापुर में 39वीं वाहिनी पीएसी में तैनात थे। वह मोटरसाइकिल से ड्यूटी कर घर लौट रहे थे कि नीलगाय अचानक उनकी बाइक के सामने आ गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। विजय की पत्नी प्रतिभा देवी का दो दिन तक रो-रो कर बुरा हाल था। शनिवार को उन्होंने अपने बेटे सत्येंद्र, विकास, नीरज, अनुराग तथा बेटी अंजलि के माध्यम से पत्र शासन और प्रशासन को भेजा, जिसमें लिखा गया कि हाईवे व अन्य मार्गों पर बेसहारा पशुओं से राहगीरों को बचाने के समुचित उपाय किए जाएं, जिससे जिस तरह उन्हें कष्ट हो रहा है, किसी और की पत्नी, बेटे, बेटे, माता-पिता को दुख न हो।
बबलू के घर में भी छाया है मातम
प्रयागराज में ही जसरा के पंवरी गांव के रहने वाले 36 वर्षीय बबलू ङ्क्षबद की भी 25 नवंबर की रात मवेशी की टक्कर मौत हो गई थी। वह बाइक से रात में घर लौट रहे थे। इस हादसे में उनके भाई का पैर टूट गया है। बबलू अपना ट्रक चलाते थे, जिससे उनके परिवार का पेट पालते थे। बबलू की पत्नी सुशीला व दो बेटियों राधिका व प्रभा व दो बेटों मिथिलेश और प्रमोद इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैैं। उनके परिवार में अब भी मातम है।