पूर्व सीएम मायावती व अन्य पर मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट से वापस
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सीएम मायावती व अन्य का मुकदमा वापस प्रतापगढ़ की कोर्ट को कर दिया है।प्रतापगढ़ की अदालत में अधिवक्ता ने दर्ज कराया था।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा मुकदमा वापस हो गया है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उक्त मुकदमे को क्षेत्राधिकार न होने के कारण संबंधित न्यायालय में वापस भेजने का आदेश दिया।
प्रतापगढ़ की अदालत में अधिवक्ता ने दर्ज कराया था
पूर्व मुख्यमंत्री समेत सभी के खिलाफ मुकदमा प्रतापगढ़ की अदालत में अधिवक्ता अरविंद कुमार पांडेय ने दर्ज कराया था। बाद में मुकदमा विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में भेज दिया गया था। अधिवक्ता का आरोप है कि दयाशंकर सिंह, उनकी पत्नी और नाबालिग पुत्री, मां बहन के प्रति असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया था। इस मुकदमे में कमी यह पाई गई कि गवाहों का बयान दर्ज नहीं किया गया था। तलबी आदेश से पूर्व विशेष न्यायाधीश को सुनवाई का अधिकार प्राप्त नहीं है। ऐसे में मुकदमा संबंधित अदालत में वापस भेज दिया गया।
पूर्व मंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल को मिली जमानत
नैनी सेंट्रल जेल भेजे गए बदायूं के पूर्व मंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल को शुक्रवार को विशेष कोर्ट एमपी एमएलए से जमानत मिल गई। न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दो मामलों में पारित जमानत आदेश की शर्तों को पूरा करने पर उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया। गुरुवार को दो मामलों में विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में सरेंडर करने पर पूर्व मंत्री को जेल भेज दिया गया था।
क्या था मामला
बदायूं के कोतवाली थाने में आठ अप्रैल 2007 को पूर्व मंत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज हुए थे। अनुमति के बगैर बैनर पोस्टर लगाने और वाल राइटिंग कराने के मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। दोनों ही मामलों में पूर्व मंत्री पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। गुरुवार को उन्होंने सरेंडर किया तो विशेष न्यायाधीश ने जेल भेजने का आदेश दे दिया। शुक्रवार को उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप