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ट्रेन संचालन में चूक बर्दाश्त नहीं, NCR के जीएम ने कैटल रन ओवर के मामलों के विश्लेषण की दी हिदायत

जीएम ने कहा कि कैटल रन ओवर मामलों का विश्लेषण किया जाए। ट्रैक के किनारे बनी चहारदीवारी क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल ठीक की जाए। ताकि मवेशी रेलवे ट्रैक के पास न पहुंचें। लोको पायलट की सूचना पर जांच प्रक्रियाओं का पालन करते वक्त कोई शॉर्ट कट नहीं होना चाहिए।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 06:40 AM (IST)
ट्रेन संचालन में चूक बर्दाश्त नहीं, NCR के जीएम ने  कैटल रन ओवर के मामलों के विश्लेषण की दी हिदायत
जीएम एनसीआर ने फेलियर को सजगता से ठीक करने और क्षतिग्रस्त चहारदीवारी बनाने पर दिया जोर

प्रयागराज, जेएनएन। किसी फेलियर को ठीक करने के बाद भी विफलता के कारण को जानने के लिए विस्तृत जांच की जानी चाहिए। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी की जानी चाहिए। यह बात एनसीआर के जीएम वीके त्रिपाठी ने ओएचई फेलियर के कारण प्रभावित हुई ट्रेनों की गतिशीलता को लेकर समीक्षा करते हुए कही।

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चहारदीवारी के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल ठीक की जाए

उन्होंने कहा कि कैटल रन ओवर (सीआरओ) मामलों का विश्लेषण किया जाए। ट्रैक के किनारे बनाई गई चहारदीवारी के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल ठीक की जाए। ताकि मवेशी रेलवे ट्रैक के पास न पहुंचें। लोको पायलट की सूचना पर जांच प्रक्रियाओं का पालन करते वक्त कोई शॉर्ट कट नहीं होना चाहिए। ज्वाइंट प्रोसीजर ऑर्डर अस्तित्व में है, इसका पालन किया जाना चाहिए। ताकि प्रत्येक अधिकारी को अपनी भूमिका स्पष्ट रहे। कहा कि ट्रेन संचालन में कोई भी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वीडियो कांफ्रेंस में अपर महाप्रबंधक रंजन यादव समेत मुख्यालय के अधिकारी, तीनों मंडल के डीआरएम व प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी एमके गुप्ता भी जुड़े।

आधुनिक तकनीक से नहीं होगा आरयूबी में जलभराव 

वीडियो कॉन्फ्रेंस में रेलवे ट्रैक के साथ चहारदीवारी के निर्माण के मुद्दे पर प्रमुख मुख्य इंजीनियर एसके मिश्रा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इसमें दीनदयाल उपाध्याय-गाजियाबाद के दो प्रमुख रेल खंडों पर काम की प्रगति के संबंध में जानकारी ली। जीएम ने कहा कि 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के लिए चहारदीवारी का निर्माण बेहद जरूरी है। प्रमुख मुख्य इंजीनियर ने बताया कि रेलवे अब ज्वाइंटों यानि रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) में पानी रिसने की संभावित साइट को सील करने के लिए हाइड्रो रिएक्टिव पीयू ग्राउटिंग की आधुनिक तकनीक अपना रहा है।


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