पीसीएस मेंस 2017 का फार्म फरने से वंचित अभ्यर्थी पहुंचे हाईकोर्ट
याचीगण ने पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 उत्तीर्ण की है। मुख्य परीक्षा के लिए फरवरी 2018 में ऑनलाइन आवेदन हुए। सर्वर में आ रही दिक्कतों के चलते वे आवेदन नहीं कर सके।
इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोक सेवा आयोग से होने वाली पीसीएस 2017 (मुख्य) परीक्षा से वंचित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। इस संबंध में एक याचिका दाखिल कर पीसीएस मेंस में आवेदन का मौका दिए जाने की मांग की है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने उप्र लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है। सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति रणविजय सिंह और न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय की खंडपीठ ने दिया है। याचिका मेरठ के कनिष्क तोमर व 11 अन्य ने दाखिल की है। याचिका पर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण ने पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 उत्तीर्ण की है। मुख्य परीक्षा के लिए फरवरी 2018 में ऑनलाइन आवेदन हुए। सर्वर में आ रही दिक्कतों के चलते वे आवेदन नहीं कर सके।
प्रत्यावेदन पर आयोग ने भी उनकी मांग खारिज कर दी। याचीगण का कहना है कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम बदलकर जारी करने का आदेश दिया है तो मुख्य परीक्षा में आवेदन से वंचित हुए अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने का अवसर दिया जाए। उप्र लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता निशीथ यादव का कहना था कि आयोग के नियम के अनुसार अंतिम तारीख तक फार्म भरने से वंचित लोगों को फार्म भरने का अतिरिक्त समय नहीं दिया जा सकता। व
हीं याचियों के अधिवक्ता का तर्क है कि जब प्री का परिणाम ही रद होकर नये सिरे से घोषित होना है तो याचियों को भी मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाना चाहिए। याचिका की सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।