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प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने को चिट्ठी और फूलपुर संसदीय सीट उपचुनाव बहाना

फूलपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव के बहाने कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को राजनीति लाने के लिए अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर मांग उठाई गई है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 08:28 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 08:31 AM (IST)
प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने को चिट्ठी और फूलपुर संसदीय सीट उपचुनाव बहाना
प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने को चिट्ठी और फूलपुर संसदीय सीट उपचुनाव बहाना

इलाहाबाद (जेएनएन)। फूलपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव के बहाने कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति लाने की कोशिश में लगे हैं। इसके लिए सोनिया गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर मांग उठाई गई है। इतना ही नहीं, स्थानीय कार्यकर्ता दिल्ली तक  कवायद में लगे हैं। हवाला दिया जा रहा है कि फूलपुर नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट है। ऐसे में गुजरात चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का फायदा यहां चुनाव लडऩे से मिल सकता है। प्रियंका के फूलपुर की सीट से चुनाव लडऩे पर पूरे देश में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा।  

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सशक्त प्रत्याशी लाने की कवायद

फूलपुर संसदीय सीट, केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश की राजनीति में जाने से रिक्त हुई है। वे प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं। अब यहां प्रस्तावित चुनाव पर सभी पार्टियों की निगाह लगी हुई है। इसके लिए ऐसे उम्मीदवार की तलाश हो रही है जो जीत का सेहरा बांध सके। कांग्रेस भी सशक्त प्रत्याशी लाने की कवायद में जुटी हुई है। शुरुआत में इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के चुनाव लडऩे की चर्चा शुरू हुई थी। अब कांग्रेसियों ने प्रियंका को मैदान में उतारने की मांग शुरू कर दी है। कार्यकर्ताओं ने हाल ही में प्रियंका के जन्मदिन पर आलाकमान से निर्णय को तोहफे के रूप में मांगा था। कार्यकर्ताओं के मुताबिक समय है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी को राजनीति में आगे लाए। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्र्णेय कहते हैं कि हमारी मांग प्रियंका के राजनीति में आने की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने कहा कि पार्टी की साख बचाने के लिए उन्हों चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। 

तीन बार जीते थे पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू  

आजादी के बाद जब पंडित जवाहर लाल नेहरू फूलपुर संसदीय सीट पर उतरे तो यह देश की सबसे वीआईपी सीट कही जाने लगी। पूर्व प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। उनके निधन के बाद उनकी बहन विजया लक्ष्मी पंडित ने 1964 के उपचुनाव और 1967 के आम चुनावों में जीतीं। आपातकाल के बाद आबोहवा बदली तो समाजवादी पार्टी का कब्जा हो गया था। इसी सीट से जनेश्वर मिश्र सांसद चुने गए थे। समाजवादी पार्टी के जंग बहादुर पटेल दो बार, राम पूजन पटेल 3 बार चुनाव जीते। सपा के बाहुबली नेता रहे अतीक अहमद ने 2004 के लोकसभा चुनाव में यहां से जीत दर्ज की। 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने जीत हासिल की। 


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