सौ करोड़ रुपये से ज्यादा सलाना टर्नओवर वालेे कारोबारियों को अब भरना होगा ई-इनवायस Prayagraj news
सरकार ने अब सौ करोड़ से ज्यादा और पांच सौ करोड़ रुपये सालाना तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए भी ई-इनवायस भरना अनिवार्य कर दिया है। इस श्रेणी के कारोबारियों के लिए ई (इलेक्ट्रानिक) इनवायसिंग की व्यवस्था एक जनवरी 2021 से लागू होगी।
प्रयागराज, राजकुमार श्रीवास्तव। : इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) में व्यापारी अब फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। आइटीसी का लाभ लेने के लिए क्रेताओं को भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने अब सौ करोड़ से ज्यादा और पांच सौ करोड़ रुपये सालाना तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए भी ई-इनवायस भरना अनिवार्य कर दिया है। इस श्रेणी के कारोबारियों के लिए ई (इलेक्ट्रानिक) इनवायसिंग की व्यवस्था एक जनवरी 2021 से लागू होगी।
आइटीसी के लिए फर्जी बिलिंग के तमाम मामले पकड़े जाने के बाद सरकार ने एक अक्टूबर 2020 से पांच सौ करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-इनवायसिंग की व्यवस्था लागू की थी। लेकिन, अब पांच सौ करोड़ सालाना तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए भी यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था के तहत वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पोर्टल पर इनवायस जारी करने पर तत्काल (आइआरएन) इनवायस रिफरेंस नंबर मिलेगा। इस नंबर को बिल जारी करते समय भरना जरूरी होगा। ई-इनवायसिंग से रिटर्न स्वत: पोर्टल पर दिखाई देने लगेगा, जिससे क्रेता को आइटीसी का लाभ मिलने में दिक्कत नहीं होगी। बता दें कि सामान्य तौर पर विक्रेता द्वारा रिटर्न फाइल करने के बाद ही क्रेता को आइटीसी का लाभ मिलता था। रिटर्न फाइल न करने पर क्रेता को समय से आइटीसी का लाभ नहीं मिल पाता था।
डेढ़ घंटे का प्रशिक्षण
इस व्यवस्था के एक जनवरी से लागू होने के क्रम में कमिश्नर वाणिज्यकर अमृता सोनी ने सभी जोनल एडिशनल कमिश्नर को पत्र जारी कर 15 और 16 दिसंबर को विभागीय अफसरों की ट्रेनिंग कराने के लिए कहा है। यहां 16 दिसंबर को दिन में 3.30 से शाम पांच बजे तक ट्रेनिंग होगी। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर मास्टर ट्रेनर नामित किए गए हैं। प्रशिक्षित अधिकारी इस श्रेणी के कारोबारियों को भी ट्रेनिंग देंगे।