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ध्यान दें कारोबारी, हर सामान पर एक अप्रैल से कोड नंबर लिखना अनिवार्य वरना ठोंका जा सकता है भारी जुर्माना

व्यापारियों द्वारा किस वस्तु की खरीद-बिक्री की जा रही है अथवा कौन सी सेवाएं दी जा रही हैं। इसकी सही जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों को रहे इस मकसद से प्रत्येक वस्तु पर एचएसएन अथवा एसएसी कोड व्यापारियों को लिखना अनिवार्य किया गया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 11:42 AM (IST)
ध्यान दें कारोबारी,  हर सामान पर एक अप्रैल से कोड नंबर लिखना अनिवार्य वरना ठोंका जा सकता है  भारी जुर्माना
जीएसटी काउंसिल ने इस व्यवस्था को नए वित्तीय वर्ष से लागू करने का निर्देश जारी किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। व्यापारियों की मुश्किलें अब और बढऩे वाली हैं, क्योंकि उनके लिए एक अप्रैल से अपनी हर वस्तु पर कोड नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर व्यापारी ने वस्तु पर कोड नंबर नहीं लिखा तो उसे गलत मानकर विभागीय अधिकारियों द्वारा माल को रोक लिया जाएगा। व्यापारी पर जुर्माना भी ठोंका जा सकता है। जीएसटी काउंसिल ने इस व्यवस्था को नए वित्तीय वर्ष से लागू करने का निर्देश जारी किया है। 

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पांच करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर पर छह अंक का कोड करना है अंकित

व्यापारियों द्वारा किस वस्तु की खरीद-बिक्री की जा रही है अथवा कौन सी सेवाएं दी जा रही हैं। इसकी सही जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों को रहे इस मकसद से प्रत्येक वस्तु पर एचएसएन अथवा एसएसी कोड व्यापारियों को लिखना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत पांच करोड़ से ज्यादा के सालाना टर्नओवर के व्यापारी को अपनी वस्तु की इनवाइस जारी करते समय उस पर छह डिजिट और पांच करोड़ रुपये से कम वाॢषक टर्नओवर के व्यापारियों को चार डिजिट का कोड लिखना होगा। इससे अधिकारियों को यह मालूम चल सकेगा कि व्यापारी द्वारा जो माल बेचा अथवा खरीदा गया है उस पर जो लिखा है वह सही है कि नहीं। जिसकी इनवाइस जारी हुई है वही वस्तु है अथवा नहीं। इससे व्यापारी द्वारा जमा टैक्स के बारे में भी वास्तविक आकलन किया जा सकेगा। वाणिज्यकर विभाग के एक अफसर ने बताया कि वस्तुओं के तैयार नामकरण के आधार पर कोड का निर्धारण किया गया है। इससे देश में कहीं भी माल की सप्लाई करने अथवा मंगाने पर कोड के आधार पर उसके बारे में जाना जा सकेगा। पहले पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर के व्यापारियों के लिए चार डिजिट लिखने का प्रविधान था, लेकिन बाध्यता नहीं थी। इससे कम के टर्नओवर के व्यापारियों के लिए प्रविधान नहीं था।


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