अब व्यापारी अपनी सुविधानुसार ले सकेंगे आइटीसी का लाभ, यह जरूर जानें Prayagraj News
जीएसटी काउंसिल ने सर्कुलर जारी किया है। इससे व्यापारी अब अपनी सुविधा के अनुसार आइटीसी का लाभ ले सकेंगे। वरना अभी तक उन्हें परेशान ही होना पड़ता है।
प्रयागराज, जेएनएन। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। अब व्यापारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ अपनी सुविधानुसार ले सकेंगे। माल मंगाने पर जो आइजीएसटी लगता है, उसे जरूरत के मुताबिक सीजीएसटी या जीएसटी में वे ट्रांसफर कर सकते हैं। इस संबंध में जीएसटी काउंसिल ने सर्कुलर जारी कर दिया है।
अभी तक व्यापारियों को होती है काफी असुविधा
दरअसल, व्यापारी दूसरे प्रांतों से जो माल मंगाते हैं, उसमें आइजीएसटी लगता है। उसी आइजीएसटी से उन्हें आइटीसी का लाभ मिलता है। पहले आइजीएसटी का आधा यानी 50 फीसद सीजीएसटी और बाकी 50 प्रतिशत जीएसटी में स्वत: ट्रांसफर हो जाता था। इससे व्यापारियों को असुविधा होती थी। हालांकि अब व्यापारी आइजीएसटी का उपयोग अपनी जरूरत के मुताबिक सीजीएसटी एवं जीएसटी में कर सकेगा। उदाहरण के तौर पर उन्हें सीजीएसटी में ज्यादा जरूरत होगी तो आइजीएसटी का ज्यादा हिस्सा उसमें इस्तेमाल कर सकेंगे अगर जीएसटी में ज्यादा आवश्यकता होगी तो उसमें प्रयोग कर सकेंगे।
यह जानकारी जरूर रखें व्यापारी
अगर आइजीएसटी के बंटवारे के बाद राजस्व अधिक निकलेगा तो व्यापारी को उसे जमा करना होगा। व्यापारियों को यह भी भ्रम रहता है कि मई महीने का रिटर्न जून में भरना है और उसकी आइटीसी नहीं बनती है तो अगले महीने वह उसका समायोजन कर लेता है। हालांकि यह उसके लिए नुकसानदायक है। वाणिज्य कर विभाग के अफसरों की जांच में उसे वह भरना पड़ जाता है। इसलिए जिस महीने में जो टैक्स बन रहा है, व्यापारी उसी महीने में उसे जमा करके आइटीसी का लाभ ले लें।
बोले व्यापारी नेता
उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण समिति के संयोजक संतोष पनामा और प्रदेश अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि जीएसटी काउंसिल के निर्णय से व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप