Move to Jagran APP

बजरंगी और छोटा राजन के गुर्गो में चली थी गोलियां

मुन्ना बजरंगी और छोटा राजन के गुर्गो में गोलियां चली थीं। खान मुबारक, जफर सुपारी से बजरंगी के शूटरों का टकराव। गैंगवार छिड़ने से एसटीएफ सक्रिय हुई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 10:00 AM (IST)
बजरंगी और छोटा राजन के गुर्गो में चली थी गोलियां
बजरंगी और छोटा राजन के गुर्गो में चली थी गोलियां

फरहत खान, इलाहाबाद : बागपत जेल में गोलियों से भून डाले गए माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी गिरोह की जड़ें इलाहाबाद में भी गहरी हैं। बजरंगी के खास शूटर संगम नगरी में पनाह लेते थे। दूसरी ओर अंडरव‌र्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गो की सक्रियता भी यहां बड़े पैमाने पर है। एक वक्त ऐसा आया जब छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के शूटरों में टकराव शुरू हो गया था। छोटा राजन के करीबी खान मुबारक और जफर सुपारी से मुन्ना बजरंगी के करीबी संजीव जीवा व बच्चा यादव की खींचतान बढ़ गई थी। ऐसा शहर के एक डॉक्टर से रंगदारी मांगने को लेकर हुआ था। तब एसटीएफ और पुलिस ने इलाहाबाद में पनाह लिए और फरारी काटने वाले शूटरों के खिलाफ अभियान शुरू किया था।

loksabha election banner

माफिया मुन्ना बजरंगी से जुड़े पूर्वाचल के शूटर वारदातों को अंजाम देकर इलाहाबाद में ही फरारी काटते रहे हैं। मुन्ना बजरंगी से ज्यादा इलाहाबाद में माफिया डॉन छोटा राजन के गुर्गो की सक्रियता रही है। वर्ष 2006 में कचहरी डाकघर लूटकांड छोटा राजन के गुर्गे अंबेडकर नगर निवासी खान मुबारक, उसके भाई जफर खान उर्फ सुपारी, झूंसी के राजेश यादव आदि ने अंजाम दिया था। तब छोटा राजन गिरोह के बदमाशों के इलाहाबाद में होने से खलबली मच गई थी। इसी बीच खान मुबारक ने एक डॉक्टर से 25 लाख की रंगदारी मांगी। मुन्ना बजरंगी के करीबी संजीव जीवा को यह नागवार गुजरा। उसने बंटी अफरोज और बच्चा यादव को संगमनगरी में और शूटरों को जोड़ने के काम में लगाया। दोनों यहां सक्रिय हो गए। वर्ष 2004 छोटा राजन के गुर्गे झूंसी के आशीष मिश्र और आजमगढ़ के शाकिब के बीच फाय¨रग हुई। वर्ष 2005 में साउथ मलाका के एक लाज में पनाह लिए खान मुबारक और बजरंगी के शूटर फिरोज के बीच गोलियां चलीं। दोनों गिरोह के गुर्गो के बीच गैंगवार छिड़ने लगी तो एसटीएफ और पुलिस सक्रिय हुई। ठौर ठिकानों पर छापामारी तेज हुई। इविवि के कई हास्टलों में दबिश देकर पूर्वाचल के शूटरों को दबोचा गया। इसके बाद बंटी अफरोज ने मुखबिरी के शक में फिरोज नामक युवक की हत्या कर दी। फिरोज छोटा राजन के गुर्गो से जुड़ा था। इसके बाद खान मुबारक, जफर, बच्चा पासी आदि ने मुंबई में काला घोड़ा शूटआउट कांड को अंजाम देकर सनसनी फैला दी। छोटा राजन के गुर्गे मुंबई गए तो मुन्ना बजरंगी के शूटर अफरोज बंटी और बच्चा यादव ने यहां रंगदारी और भाड़े पर हत्या शुरू कर दी। वर्ष 2009 में पुलिस ने अफरोज बंटी को मार गिराया था। इसके बाद वाराणसी के बच्चा यादव को एसटीएफ इंस्पेक्टर नावेंदु सिंह ने मुठभेड़ में मार गिराया।

-----

एक वक्त था जब मुन्ना बजरंगी और छोटा राजन के गुर्गे बड़े पैमाने पर सक्रिय थे। एसटीएफ ने पूर्वाचल के एक दर्जन से अधिक शूटरों को जेल भेजा। अभियान चलाकर छापामारी हुई तो गुर्गे यहां से भागे।

नावेन्दु सिंह, सीओ एसटीएफ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.