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देश की रक्षा कर रहे बीएसएफ के दारोगा शहीद, चट्टान खिसकने से हादसा

श्रीनगर में चट्टान खिसकने से ड्यूटी के दौरान बीएसएफ के दारोगा शहीद हो गए। कुंवर बहादुर प्रतापगढ़ में अंतू थाना क्षेत्र के रायतारा गांव के रहने वाले थे। आज रात पार्थिव शरीर लाया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 04:40 PM (IST)
देश की रक्षा कर रहे बीएसएफ के दारोगा शहीद, चट्टान खिसकने से हादसा
देश की रक्षा कर रहे बीएसएफ के दारोगा शहीद, चट्टान खिसकने से हादसा

प्रयागराज : प्रतापगढ़ के एक जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान चट्टान खिसकने से 12 हजार फीट नीचे गिरे बीएसएफ के दारोगा की जान चली गई। घटना की जानकारी मिलते ही घर और गांव में गमगीन माहौल हो गया। आज रात में बीएसएफ के जवान उनका पार्थिव शरीर घर लेकर आएंगे। इस बीच डीएम, सीडीओ व एसपी उनके घर दोपहर में पहुंचे तो ग्रामीणों ने दारोगा के घर तक मार्ग न होने पर विरोध जताया।

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श्रीनगर में तैनात थे कुंवर बहादुर सिंह

 अंतू थाना क्षेत्र के रायतारा गांव निवासी कुंवर बहादुर सिंह (55) पुत्र शिवमंगल सिंह बीएसएफ में दरोगा थे। इन दिनों वह श्रीनगर में तैनात थे। शुक्रवार को वह 12 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे। अचानक बर्फ की चट्टान खिसकने से वह चोटी से नीचे आ गए और वह बर्फ में दबकर शहीद हुए। बीएसएफ के जवानों ने दोपहर बाद कुंवर बहादुर का शव 12 हजार फीट नीचे बर्फ में दबा पाया। साथी उन्हें सैनिक अस्पताल ले गए। वहां डाक्टरों ने कुंवर बहादुर को मृत घोषित कर दिया।

आज शाम को बीएसएफ के जवान पार्थिव शरीर लेकर पहुंचेंगे घर

घटना की सूचना परिजनों को दी गई तो उनके समेत पूरा गांव शोक में डूब गया। पिता शिव मंगल सिंह, पत्नी मिथलेश सिंह की हालत बिगड़ गई है। बीएसएफ के दारोगा का पार्थिव शरीर श्रीनगर से हेलीकाप्टर से दिल्ली लाया जाएगा। दिल्ली से रात आठ बजे लखनऊ पहुंचने की उम्‍मीद है। फिर वहां से सेना के वाहन से रात में उनके पैतृक आवास रायतारा स्थित घर लाया जाएगा। रविवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतेष्टि की जाएगी। इसमें प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री मंत्री मोती सिंह के भी शामिल होने की उम्‍मीद है। उधर एसडीएम व बीडीओ को मौके पर कैंप करने का डीएम ने निर्देश दिया

सिर से उठा पिता का साया

कुंवर बहादुर को एक बेटा उपेंद्र और दो बेटी हैं। किसी की शादी अभी नहीं हुई है। बेटा उपेंद्र घर पर ही रहता है। बड़ी बेटी एसएससी की तैयारी कर रही है। छोटी बेटी कक्षा आठ में पढ़ती है। पिता की मौत से बच्चे बदहवास हो गए।

ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

बीएसएफ के दारोगा के घर शनिवार की दोपहर में डीएम, सीडीओ व एसपी और एसडीएम पहुंचे। शहीद के घर तक जाने के लिए कोई रास्ता न होने से ग्रामीणों ने विरोध जताया। इस पर घर तक रास्ता बनाने का डीएम ने बीडीओ को निर्देश दिया।


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