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वाट्सएप ग्रुप पर भड़काऊ और राजनीतिक संदेश भेजना शिक्षकों को भारी पड़ेगा, BSA प्रयागराज ने दी चेतावनी

बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि तमाम शिक्षक ऐसे संदेश प्रसारित करते हैं जो विभाग की छवि धूमिल करने वाले हैं। विभागीय अफसरों पर भी अशोभनीय टिप्पणी की जाती है। भाषा में शिष्टता जरूरी है। सही तरीके से सही फोरम पर अपनी बात रखे।

By JagranEdited By: Ankur TripathiPublished: Mon, 26 Sep 2022 10:52 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:52 AM (IST)
वाट्सएप ग्रुप पर भड़काऊ और राजनीतिक संदेश भेजना शिक्षकों को भारी पड़ेगा, BSA प्रयागराज ने दी चेतावनी
शिक्षकों को वाट्सएप ग्रुप पर अपनी बात कहने में अधिक सतर्कता बरती होगी।

प्रयागराज, जेएनएन। शिक्षकों को वाट्सएप ग्रुप पर अपनी बात कहने में अधिक सतर्कता बरती होगी। विभागीय संदेशों के अतिरिक्त यदि किसी ने भड़काऊ, गलत या राजनीतिक संदेश भेजा तो उस पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। इस संबंध में बीएसए ने चेतावनी जारी की है।

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विभाग की छवि धूमिल करने वाले मैसेज करते हैं तमाम शिक्षक

बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि तमाम शिक्षक ऐसे संदेश प्रसारित करते हैं जो विभाग की छवि धूमिल करने वाले हैं। विभागीय अफसरों पर भी अशोभनीय टिप्पणी की जाती है। भाषा में शिष्टता जरूरी है। यदि किसी को कोई बात कहनी है तो सही तरीके से सही फोरम पर अपनी बात रखे। ऐसा न करने पर संबंधित शिक्षक और संबंधित वाट्सएप ग्रुप एडमिन पर कार्रवाई की जाएगी। उसपर रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी। इसके लिए संबंधित व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार होगा।

शिक्षक की महत्त्वपूर्ण भूमिका और जिम्मेदारी है, उसक सम्यक निर्वहन होना चाहिए

बीएसए ने कहा, शिक्षा विभाग महत्वपूर्ण विभाग है। इस विभाग से जुड़े/कार्यरत समस्त अधिकारी/कर्मचारी/ शिक्षक की महत्त्वपूर्ण भूमिका और जिम्मेदारी है। उसक सम्यक निर्वहन होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है। मां को पहली गुरु कहा गया है। शिक्षा वो अस्त्र है, जिसकी सहायता से बड़ी बड़ी कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।

गांधी जी के कथन से किया प्रेरित

महात्मा गांधी के अनुसार सच्ची शिक्षा वह है जो बच्चों के आध्यात्मिक, बौद्धिक और शारीरिक पहलुओं को उभारती है और प्रेरित करती है। इस तरीके से हम सार के रूप में कह सकते हैं कि उनके मुताबिक शिक्षा का अर्थ सर्वागीण विकास था। स्वामी विवेकानंद के अनुसार शिक्षा मनुष्य की शक्तियों का विकास करती है, विशेष रूप से मानसिक शक्तियों का विकास करती है ताकि वह परम सत्य, शिव एवं सुंदर का चिंतन करने योग्य बन सके।

शासन/जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी के स्तर से बार-बार निर्देश दिया गया है कि शासन की मंशा दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाय। जिससे बच्चों में सर्वांगीण विकास हो सके। ऐसा कार्य हो कि विभाग की छवि धूमिल न हो तथा जिस प्रकार प्रयागराज देवताओं की नगरी के रूप में विख्यात है उसको ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग/विद्यालय एक उत्कृष्ट कार्य के लिए जाना जाए।

समस्याओं के निस्तारण के लिए त्वरित कार्रवाई हो रही

बीएसए ने अपने पत्र में कहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं के संबंध में जिलाधिकारी / मुख्य विकास अधिकारी व स्वयं मेरे स्तर से समीक्षा बैठक होती है। योजनाओं की प्रगति एवं उनसे संबंधित समस्याओं पर भी चर्चा की जाती है। उनका त्वरित निराकरण कराया जाता है।

यह भी निर्देशित है कि यदि कहीं किसी तरह की समस्या है तो तत्काल लिखित रूप में, वाट्सएप और ईमेल के माध्यम से जानकारी दी जाए। दूसरी तरफ कई बार देखा गया है कि लोग अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा वाट्सएप के माध्यम से अधिकारी / कर्मचारी / विभाग की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से गलत, भड़काऊ, राजनीतिक संदेश भेजते हैं जो ठीक नहीं है। हम सब को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।


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