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मानसिक मजबूती देने वाला होगा ब्लू मून, जानिए कब है यह संयोग

जवाहर तारा मंडल के निदेशक व खगोलशास्त्री डॉ. वाई रविकिरण ने बताया कि पंचांग के अनुसार साढ़े उन्तीस दिन का एक महीना होता है। करीब तीन साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब साल में 13 पूर्णिमा पड़ती है। तब एक महीने में दो बार पूर्णिमा होती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:47 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:47 AM (IST)
मानसिक मजबूती देने वाला होगा ब्लू मून, जानिए कब है यह संयोग
करीब तीन साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब साल में 13 बार पूर्णिमा पड़ती है।

प्रयागराज,[अमलेंदु त्रिपाठी ]। अक्टूबर कई खगोलीय घटनाओं के नाम रहेगा। मंगल, शनि व बृहस्पति एक सीध में आए तो बोइंग 737 के बराबर का एस्टेरॉयड भी पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा। अब 31 अक्टूबर को ब्लू मून की घटना होने जा रही है।  ऐसी खगोलीय घटना ढाई से तीन साल में एक बार तब होती है जब एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होगी। दूसरी पूर्णिमा का चंद्रमा ब्लू मून होता है। ज्योतिर्विदों के अनुसार यह घटना सभी जातकों को मानसिक रूप से मजबूत बनाएगी। उथल पुथल के दौर को भी समाप्त करेगी।

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31 अक्‍टूबर को है यह संयोग

जवाहर तारा मंडल के निदेशक व खगोलशास्त्री डॉ. वाई रविकिरण ने बताया कि पंचांग के अनुसार साढ़े उन्तीस दिन का एक महीना होता है।  करीब तीन साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब साल में 13 बार पूर्णिमा पड़ती है। तब एक महीने में दो बार पूर्णिमा होती है। दूसरी पूर्णिमा का चंद्रमा ही ब्लू मून होता है। 31 अक्टूबर 2020 को ऐसा ही संयोग बन रहा है। इससे पूर्व 31 मार्च 2018 को ब्लू मून हुआ था। 2020 के बाद 31 अगस्त 2023 को फिर ब्लू मून होगा। खास बात यह कि फरवरी में ऐसी घटना नहीं होती ज्योतिषविद आशुतोष वाष्र्णेय बताते हैं कि जिस वर्ष पुरुषोत्तम मास होता है उस साल ही ऐसी घटना देखने को मिलती है।

कई ग्रहों के करीब पहुंचा चंद्रमा

कई ग्रह पृथ्वी के करीब से गुजर रहे हैं। जवाहर तारा मंडल के निदेशक डॉ. वाई रवि किरन ने बताया कि चंद्रमा भी बारी बारी से उन ग्रहों के पास से गुजर रहा है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में चंद्रमा मंगल के निकट था। 14 अक्टूबर को शुक्र के निकट पहुंच गया। 25 को गुरु के करीब होगा और 26 को शनि के पास से गुजरेगा।

लाल स्याही से लिखेंगे राम नाम

ज्योतिर्विद आशुतोष वाष्र्णेय बताते हैं कि चंद्रमा मन, जल, मस्तिष्क और मां का कारक है। मनुष्यों के मन की उत्पत्ति इसी से हुई। एक माह में दो बार पूर्णिमा का सभी जातकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे मानसिक मजबूती मिलेगी। 31 अक्टूबर को चंद्रमा मेष राशि व अश्विनी नक्षत्र में होने से लोग अवसाद से भी मुक्त होंगे। उस दिन तमाम लोग लाल स्याही से राम नाम लिखेंगे जिससे ऊर्जा संग्रह कर मानसिक मजबूती हासिल कर सकें। चंद्रमा के प्रभाव से 31 अक्टूबर के बाद का समय मनोरोगियों के लिए बेहतर होगा।


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