कमीशनबाजी के आरोप पर रेलवे अधिकारी का तबादला, कौशांबी के भाजपा सांसद ने GM NCR से की थी शिकायत
कमीशन मांगने की शिकायत पर एक अधिकारी का झांसी स्थानांतरण कर दिया गया है और अब मामले की जांच की जा रही है। भाजपा सांसद विनोद सोनकर की ओर से की गई शिकायत में वाणिज्य विभाग के अधिकारी पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य रेलवे में कार्यरत एक अधिकारी द्वारा वेंडरों से कमीशन मांगे जाने की शिकायत कौशांबी के भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने महाप्रबंधक प्रमोद कुमार से की। इसके बाद इस अधिकारी का झांसी स्थानांतरण कर दिया गया है और अब मामले की जांच की जा रही है। सांसद विनोद सोनकर की ओर से की गई शिकायत में वाणिज्य विभाग के अधिकारी पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया गया है।
सीपीआरओ ने कहा-जानकारी नहीं, सांसद ने कहा जांच शुरू
हालांकि इस मामले में उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने बताया कि अभी इस प्रकरण की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में सांसद विनोद सोनकर ने बताया कि कुछ वेंडरों ने कमीशन मांगने की शिकायत की थी। उसी प्रकरण को मैने आगे बढ़ाते हुए एनसीआर के महाप्रबंधक को जानकारी दी थी। इसके बाद रेलवे अधिकारी के खिलाफ कारवाई की गई है। इस प्रकरण में विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
एडीएम और एसपी ने जेल में बंदियों का जाना हाल
एडीएम सिटी मदन कुमार और एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित बुधवार को केंद्रीय कारागार में जाकर बंदियों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने हाई सिक्योरिटी बैरक की जांच की। उसमें बंद लोगों से बात की। साथ ही गैर जेलों से स्थानांतरित होकर यहां पहुंचे बंदियों के बारे में जानकारी हासिल की। सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। करीब एक घंटे से अधिक समय तक जेल में रहे अधिकारियों ने हाईकोर अपराधियों के बारे में पूछताछ की। एसपी यमुनापार कहना है कि व रूटीन चेकिंग पर गए थे। कोई खास बात नहीं थी।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 19 बंदी रिहा : स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में जेल में कई सालों से सजा काट रहे 19 बंदियों को रिहा कर दिया गया। पिछले माह शासन ने ऐसे बंदियों का जो 14 साल से अधिक की सजा काट चुके और जिनका आचरण अच्छा हो सहित कई बिंदुओं पर बंदियों के नाम मांगे थे। जेल प्रशासन की ओर से मानक पर खरे उतरने वाले बंदियों की लिस्ट शासन को भेजी गई थी। जेल प्रशासन का कहना है कि 22 बंदियों को रिहा करने की सूची शासन से आई थी, जिसमें से दो बंदियों की पहले ही जमानत हो गई थी। एक की बीमारी से मौत हो गई थी। शेष 19 बंदियों को रिहा कर दिया गया।