सौ अरब का भूमि घोटाला : आगरा के चर्च में छापेमारी, भागे बिशप और सचिव Prayagraj News
अरबों के जमीन घोटाला मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए आगरा के चर्च में पुलिस गई। हालांकि पुलिस टीम के आने से पहले ही बिशप और सचिव पिछले रास्ते से फरार हो गए।
प्रयागराज, जेएनएन। सौ अरब की जमीन घोटाला मामले की जांच कर रही सिविल लाइंस थाने की पुलिस टीम ने आगरा के एक चर्च में छापेमारी की। हालांकि वहां मौजूद आरोपित पकड़ में नहीं आए। पुलिस की छापेमारी के दौरान चर्च के बिशप और सचिव वहां से भाग निकले।
सिविल लाइंस थाने में दर्ज है केस
इंडियन चर्च ट्रस्ट्रीज डायोसिस ऑफ लखनऊ के अधीन आने वाली 100 अरब की जमीन बेचकर पैसे हड़पने का मुकदमा पिछले हफ्ते सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराया गया था। डायोसिस ऑफ लखनऊ के मेट्रो पॉलिटन चर्च ऑफ इंडिया के बिशप जॉन अगस्टीन की शिकायत पर लिखे गए केस में पीसी सिंह, पीसी मरांडी, पीके समंतो राय, एल्वान मसीह, जयंत अग्रवाल, पाल दुपहरे, पीपी हाविल, पीटर बलदेव, सुरेश जैकब, राजीव चंद, एआर स्टीफन, एचआर मल, मार्विन मेसी, प्रेम मसीह, अशोक विश्वास, प्रबल दत्ता, शशि प्रकाश और अन्य अज्ञात को ट्रस्ट की जमीनों को फर्जी तरीके से बेचकर अरबों का बंदरबांट का आरोपित बनाया गया है।
भनक लगने पर चर्च के बिशप और सचिव पिछले रास्ते से भाग गए
जमीनों को बेचने का फर्जीवाड़ा प्रयागराज ही नहीं यूपी समेत देश भर में किया गया है। पिछले दिनों फादर अगस्टीन ने सिविल लाइंस थाने जाकर कुछ और दस्तावेज बतौर सुबूत दिए थे। सिविल लाइंस थाने में मुकदमे के विवेचना अधिकारी विनोद प्रजापति ने पुलिस टीम के साथ आगरा के हरी पर्वत इलाके में सेंट पॉल चर्च में छापा मारा। मगर भनक लगने पर चर्च के बिशप प्रेम प्रकाश हाविल और सचिव राजीव चंद पिछले रास्ते से भाग गए। फादर अगस्टीन ने पुलिस को बताया है कि इन दोनों ने पश्चिम यूपी में ट्रस्ट की अरबों की जमीन बेच डाली है। इंस्पेक्टर राकेश चौरसिया ने बताया कि पुलिस टीमें अन्य आरोपितों की तलाश में कई स्थानों पर भेजी गई हैं।
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