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अमित शाह की सुरक्षा में भारी चूक, फ्लीट के आगे कूदीं छात्राएं कई गाड़ियां अापस में टकराईं

संगमनगरी में धार्मिक दौरे पर आए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सुरक्षा में शुक्रवार को भारी चूक हो गई।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 07:34 AM (IST)
अमित शाह की सुरक्षा में भारी चूक, फ्लीट के आगे कूदीं छात्राएं कई गाड़ियां अापस में टकराईं
अमित शाह की सुरक्षा में भारी चूक, फ्लीट के आगे कूदीं छात्राएं कई गाड़ियां अापस में टकराईं

इलाहाबाद (जेएनएन)। संगमनगरी पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई। धूमनगंज में दो छात्राएं अचानक काले झंडे लेकर फ्लीट के आगे आ गईं, जिससे फ्लीट रुक गई। भौचक पुलिसकर्मियों और फ्लीट के साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने फौरन छात्राओं को पकड़ लिया और उनकी पिटाई भी की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पुलिस इसे सुरक्षा में चूक की बजाय मुस्तैदी बता रही है। सिविल लाइंस सीओ श्रीशचंद्र के मुताबिक, काला झंडा दिखाने वाली एक लड़की नेहा यादव है, जिसका कनेक्शन पिछले दिनों बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुए बवाल से भी रहा है। 

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फ्लीट की गाडिय़ों में अचानक ब्रेक

भाजपा अध्यक्ष जब शुक्रवार सांय पौने तीन बजे वापस दिल्ली जाने के लिए बम्हरौली एयरपोर्ट जा रहे थे। तो धूमनगंज थाना चौराहे के पास अचानक दो छात्राएं हाथ में काला झंडा लेकर फ्लीट के आगे कूद पड़ीं और नारेबाजी करने लगीं। फ्लीट में चल रही गाडिय़ों को अचानक ब्रेक मारने पड़े, जिससे गाडिय़ां आपस में टकराने से भी बचीं। तत्काल पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी भागे-भागे आए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। छात्राएं छात्रों और बेरोजगारों के हितों की अनदेखी  का आरोप लगाकर विरोध कर रही थीं। एसएसपी नितिन तिवारी ने कहा कि यह सुरक्षा में चूक नहीं थी बल्कि मुस्तैदी थी, जिसकी वजह से उन्हें तत्काल दबोच लिया गया। 

राजनीति से दूर शाह का दौरा

जहां समर्थन है वहां विरोध भी लेकिन भाजपा को 2019 में आम चुनाव में उतरना है। अमित शाह की तैयारी अपने अभियान पर केंद्रित रही। दरअसल चुनाव और कुंभ का सीजन एक ही है। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष ने जिस तरह प्रयाग में संतों से आत्मीयता दिखाई, वह संकेत दे रहा था कि आम चुनाव में हिंदुत्व पार्टी का अहम एजेंडा होगा। कुंभ और महाकुंभ को लेकर पहले भी सरकारें तैयारी करती रही हैं लेकिन राज्य में सत्ता की बागडोर एक संत के हाथ में है तो केंद्र में भी हिंदुत्व की पोषक पार्टी सत्ता संभाल रही है।

इस कुंभ को भव्यता दी जा रही है। पार्टी अध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने इस दौरे का राजनीति से बिल्कुल दूर रखा। विशुद्ध रूप से इसे धार्मिक पूजा पाठ तक केंद्रित किया। संतों के साथ ज्यादातर वक्त बिताया। उनसे आत्मीय रिश्ते जोड़े। चार घंटे 40 मिनट के अपने दौरे में उन्होंने 23 मिनट केवल अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरिगिरि से अकेले में कुंभ की तैयारियों को लेकर वार्ता की। 


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