Magh Mela-2020 : मेला में एक शिविर ऐसा, जहां मेगा किचन में होगी 40 लाख की ऑटोमेटिक मशीन Prayagraj News
शिविर में भोजन प्रसाद तैयार करने को कोयंबटूर से 40 लाख रुपये कीमत की ऑटोमेटिक मशीन खरीदी गई है। इससे एक घंटे में दस हजार लोगों का खाना बनकर तैयार हो जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। संगम की रेती पर माघ मेला में स्नान घाट, गंगा पर पांटून पुल, तंबुओं के आशियाने श्रद्धालुओं के लिए आकार ले रहे हैैं। माघ मास में संगम तट पर पुण्य प्रताप बरसता है। यह मां गंगा की ही महिमा है कि मेले में कोई श्रद्धालु भूखा नहीं रहता। अब देखिए न, इस बार माघ मेला में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य राम गोपाल दास के शिविर में इस उद्देश्य से ऐसा मेगा किचन तैयार किया जा रहा है कि कोई श्रद्धालु भूखा न रहे। इसके लिए कोयंबटूर से हाईटेक मशीन आ गई है, जिसमें हर घंटे दस हजार लोगों के लिए भोजन प्रसाद तैयार होगा। इस तरह रोज एक से डेढ़ लाख लोगों को निश्शुल्क भोजन कराने की तैयारी है।
खाना बनाने के लिए आई है 40 लाख रुपये की ऑटोमेटिक मशीन
माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए महंत रामगोपाल दास हर साल भंडारा कराते हैं, लेकिन इस बार माघ मेला में भंडारा और किचन का स्वरूप वृहद होगा। इसके लिए संगम तीरे तैयार किए जा रहे शिविर में भोजन प्रसाद तैयार करने को कोयंबटूर से 40 लाख रुपये कीमत की ऑटोमेटिक मशीन खरीदी गई है। इस मशीन से एक घंटे में दस हजार लोगों का खाना बनकर तैयार हो जाएगा। सिर्फ मशीन तक सामान पहुंचाने और उससे बने भोजन को रखने के लिए पांच से सात लोगों की जरूरत पड़ेगी। महंत रामगोपाल दास ने बताया कि उनका शिविर महावीर मार्ग और अक्षय वट मार्ग के बीच में गंगा किनारे लग रहा है। माघ मेला प्रशासन ने शिविर के लिए जमीन दे दी है।
ऑटोमेटिक मशीन की खासियत
महंत रामगोपाल दास ने बताया कि इस मशीन में एक साथ 30 सिलेंडर लगते हैं। इसका संचालन बिजली से होता है। इसमें एक साथ दाल, चावल, रोटी, सब्जी, इडली, डोसा, सांभर बनाया जा सकता है। आटा गूंथने से लेकर रोटी बेलने और सेकने तक का काम आटोमैटिक है। इसी तरह सब्जी भी मशीन ही काटकर पकाएगी।
माघ मेले से पहले शुरू हो जाएगा भंडारा
महंत रामगोपाल दास ने बताया कि मशीन को झूंसी स्थित आश्रम में रखा गया है। उसके पाट्र्स अलग-अलग हैं। कोयंबटूर से टेक्नीशियन आकर मशीन को गंगा किनारे शिविर में फिट करेंगे। शिविर लगाया जा रहा है। उसमें मशीन रखने और लोगों को भोजन कराने की जगह भी व्यवस्थित की जा रही है। मेला शुरू होने से पहले किचन शुरू हो जाएगा। इस किचन से पूरे माघ मेला के दौरान श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा। अगर जिला प्रशासन यहां मेला के बाद भी जगह देगा तो भंडारा आगे भी चलता रहेगा।